1. किस घटना से 1000 साल की अवधि शुरू होती है?
“वे जीवित होकर मसीह के साथ हजार वर्ष तक राज्य करते रहे” (प्रकाशितवाक्य 20:4)। (मृत्यु के विषय पर अधिक के लिए, अध्ययन संदर्शिका 10 देखें.)
उत्तर: पुनरुत्थान के बाद 1,000 साल की अवधि शुरू होता है।
2. इस पुनरुत्थान को क्या कहा जाता है? इसमें कौन जी उठेंगें?
“यह तो पहला पुनरुत्थान है। धन्य और पवित्र वह है जो इस पुनरुत्थान का भागी है” (प्रकाशितवाक्य 20:5, 6)।
उत्तर: इसे पहला पुनरुत्थान कहा जाता है। बचाये गए - सभी युगों से “धन्य और पवित्र” – लोगों का पुन रुत्थान होगा।
3. बाइबल कहती है कि दो पुनरुत्थान हैं। दूसरा पुनरुत्थान कब होता है, और इसमें कौन जी उठेंगे?
“जब तक ये हजार वर्ष पूरे न हुए तब तक शेष मरे हुए न जी उठेंगे” (प्रकाशितवाक्य 20:5)।
“वह समय आता है कि जितने कब्रों में हैं वे उसका शब्द सुनकर निकल आएँगे। जि न्होंने भलाई की है वे
जीवन के पुनरुत्थान के लिए जी उठेंगे और जिन्होंने बुराई की है वे दण्ड के पुरुत्थान के लिये जी उठेंगे”
(यूहन्ना 5:28, 29)।
उत्तर: दूसरा पुनरुत्थान 1,000 साल की अवधि के खत्म होने पर होता है जो बचाये नहीं गए हैं, इस पुनरुत्थान में जी उठाये जायेंगे। इसे दंड का पुनरुत्थान कहा जाता है।
कृपया ध्यान दें: बचाये गए लोगों के पनुरुत्थान के साथ, 1000 वर्ष शरूु होते हैं।दुष्टों के पनुरुत्थान पर 1,000 साल समाप्त होते हैं।
4. 1000 साल शुरू होने पर और क्या महत्वपूर्ण घटनाएँ होती हैं?
“देखो, वह बादलों के साथ आने वाला है, और हर एक आँख उसे देखेगी” (प्रकाशितवाक्य 1:7)। “परमेश्वर स्वयं एक महान ध्वनि के साथ स्वर्ग से उतरेगा। ... और मसीह में मरने वाले पहले उदित होगें। तब हम जो जीवित हैं, बचे रहेंगे, हवा में परमेश्वर से मिलने के लिए इकट्ठे हो जाएंगे” (1 थिस्सलुनीकियों 4:16, 17)। “एक ऐसा बड़ा भूकम्प आया कि जब से मनुष्य की उत्पत्ति पृथ्वी पर हुई, तब से ऐसा बड़ा भूकम्प कभी न आया था। ... आकाश से मनुष्यों पर मन-मन भर के बड़े ओले गिरे” (प्रकाशितवाक्य 16:18, 21)। (यिर्मयाह 4:23-26 भी देखें; यशायाह 24:1, 3, 19, 20; यशायाह 2:21)। विद्वानों के अनुमान के अनुसार एक ‘टैलेंट’ (अंग्रेजी बाइबल में ओलों का वजन एक टैलेंट दिया हुआ है 58 से 100 पाउंड तक हो सकते हैं!)
उत्तर: अन्य महत्वपूर्ण घटनाएँ जो 1000 साल के शुरुआत के समय में होने वाली हैं: इतिहास में सबसे विनाशकारी भूकंप और ओला-वृष्टि पृथ्वी पर होती है; यीशु अपने लोगों के लिए बादलों में लौटता है; और सभी संत यीशु से मिलने के लिए हवा में उसके पास चले जाते हैं। (मसीह के दूसरे आगमन पर अधिक जानकारी के लिए अध्ययन संदर्शिका 8 देखें।)
5. यीशु के दूसरे आगमन पर न बचाए हुए जीवित और मृतकों के साथ क्या होता है?
“अपने फूँक के झोंके से दुष्ट को मिट डालेगा” (यशायाह 11:4)। “जबकि प्रभु यीशु अपने सामर्थी दूतों के साथ धधकती हुई आग में स्वर्ग से प्रगट होगा, और जो परमेश्वर को नहीं पहिचानते और हमारे प्रभु यीशु के सुसमाचार को नहीं मानते उनसे पलटा लेगा” (2 थिस्सलुनीकियों 1:7, 8)। “वैसे ही दुष्ट लोग परमेश्वर की उपस्थिति से नष्ट हों” (भजन संहिता 68:2)। “जब तक ये हजार वर्ष पूरे न हुए तब तक शेष मरे हुए न जी उठेंगे” (प्रकाशितवाक्य 20:5)
उत्तर: मसीह के दुसरे आगमन में मसीह की मौजूदगी से ही दुष्ट लोग मारे जाएँगे। मसीह के कब्र में जब एक स्वर्गदूत प्रकट हुओ, तो रोमी रक्षकों का पूरा समूह मृत पुरुषों के रूप में गिर गया (मत्ती 28:2, 4)। जब सभी स्वर्गदूतों , परमेश्वर पि ता, और परमेश्वर पुत्र की चमक एक साथ होगी, तो पापी मानव ऐसे मर जाएगा, जैसे बिजली के गिरने से मारा जाता है। जब यीशु लौटता है तब जो दुष्ट पहले से ही मर चुके हैं, 1,000 साल के अंत तक उनकी कब्रों में रहेंगे।
6. कई लोगों का मानना है कि जो लोग नहीं बचाये गए उन लोगों को 1,000 वर्षों के दौरान पश्चाताप करने का मौका मि लेगा। इस बारे में बाइबल क्या कहती है?
“उस समय यहोवा के मारे हुओं के शव पृथ्वी के एक छोर से दूसरे छोर तक पड़े रहेंगे। उनके लिए कोई
रोने-पीटनेवाला न रहेगा, और उनके शव न तो बटोरे जाएँगे और न कब्रों में रखे जाएँगे; वे भूमि के ऊपर
खाद के समान पड़े रहेंगे” (यिर्मयाह 25:33)। “फिर मैंने देखा कि कोई मनुष्य भी न था” (यिर्मयाह 4:25)।
उत्तर: किसी भी व्यक्ति के लिए 1,000 वर्षों के दौरान पश्चाताप करना असंभव होगा क्योंकि पृथ्वी पर कोई व्यक्ति जीवित नहीं होगा। सभी धर्मी स्वर्ग में होंगे। सभी दुष्ट पृथ्वी पर मरे पड़े रहेंगे। प्रकाशितवाक्य 22:11, 12 यह स्पष्ट करता है कि यीशु के लौटने से पहले हर व्यक्ति का न्याय हो चुका होगा। जो लोग 1,000 साल के शुरू होने तक मसीह को स्वी कार करने की प्रतीक्षा करते हैं, वे बहुत देर कर चुके होंगे।
7. बाइबिल कहती है कि शैतान 1,000 वर्षों के दौरान “अथाह-कुण्ड” में बंधेगा। यह कुण्ड क्या है?
“मैं ने एक स्वर्गदतू को स्वर्ग से उतरते देखा, जिसके हाथ में अथाह-कुण्ड की कुंजी और एक बड़ी जंजीर थी। ... उस ने उस अजगर को अर्थात वही पुराना साँप को, जो इब्लीस और शैतान है, पकड़ के हजार वर्ष के लिए बाँध दिया, और उसे अथाह-कुण्ड में डालकर बन्द कि दिया ... हजार वर्ष के पूरे होने तक” (प्रकाशितवाक्य 20:1-3)।
उत्तर: मलू यूनानी में “अथाह-कुण्ड” का शब्द “अबूसस,” या “अबिस” है। पृथ्वी के निर्माण के संबंध में पुराने नियम के यूनानी संस्करण में उत्पत्ति 1:2 में उसी शब्द प्रयोग किया गया है, लेकिन वहाँ इसका अनुवाद “गहरा” है। “पृथ्वी बेडौल और सुन सान पड़ी थी, और गहरे जल के ऊपर अन्धियारा था। ये शब्द “गहरे”, “अथाह-कुण्ड” और “अबिस” यहाँ एक ही बात का संदर्भ देते हैं - परमेश्वर के द्वारा पृथ्वी को सजाने से पहले पूरी तरह से अंधेरी, बेडौल रूप में थी। यिर्मयाह ने, 1,000 वर्षों के दौरान इस धरती का वर्णन करने में उत्पत्ति 1:2 में वस्तुतः उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया “बिना किसी रूप, और सुन सान” “कोई प्रकाश नहीं,” “कोई आदमी नहीं,” और “अन्धकार” है (यिर्मयाह 4:23, 25, 28)। इसलिए बिना किसी जीवित व्यक्ति के , इस अँधेरी पृथ्वी को 1,000 साल के दौरान अताह गहरा कुण्ड कहा जाएगा, जैसा कि सृष्टि पूरी होने से पहले आदि में थी। इसके अलावा, यशायाह 24:22, 1,000 साल के दौरान शैतान और उसके स्वर्गदूतों के बारे में “कुण्ड मै इक्ठे” और “बंदी -गृह में बंद किए” जाने के बारे में बोलती है।
8. शैतान बांधने वाली जंजीर क्या है? वह क्यों बाँधा गया हैं?
“एक स्वर्गदतू ... उसके हाथ में ... एक बड़ी जंजीर थी ... उसने ... शैतान को पकड़ के हजार वर्ष के लिए बाँध दिया ... बन्द कर दिया और उस पर मुहर लगा दी कि वह हजार वर्ष के पूरे होने तक जाती जाती के लोगों को फिर न भरमाए” (प्रकाशितवाक्य 20:1-3)।
उत्तर: यह जंजीर काल्पनिक है – यह परिस्थितियों की एक श्रृंखला है। एक अलौकि प्राणी को समान्य जंजीर से बंधना असंभव है। शैतान “बंधा” हुआ है क्योंकि उसके पास धोखा देने के लिए कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं बचा है। सभी पापी मर चुके हैं और बचाए गए सभी लोग स्वर्ग में हैं। परमेश्वर शैतान को इस धरती पर सीमित रखता है ताकि वह किसी को ढूंढ़ने के लिए ब्रह्मांड में घमू न सके । शैतान को धरती पर रहने के लिए मजबूर करना, सिर्फ उसके दूतों के साथ एक हजार साल तक, बिना किसी लोगों के जिन कों वह धोखा दे सके , उसके लिए कभी भी सबसे अधिक कठोर जंजीर होगी।
1,000 साल की शुरुआत की घटनाओं की समीक्षा करें:
क. एक विनाशकारी भूकंप और भयंकर ओलावृष्टि (प्रकाशितवाक्य 16:18-21)
ख. यीशु का अपने संतों के लिए दूसरा आगमन (मती 24:30 ,31)
ग. बचाए गए लोगों को जी उठाया गया (1 थिस्सलुनिकियों 4:16)
घ. बचाए गए लोगों को अमरता दी गई (1 कुरिन्थियों 15:51-55)
ङ. बचाए गए लोगों को यीशु की तरह शरीर मिला (1 यूहन्ना 3:2; फिलिप्पियों 3:20, 21)
च. सभी धर्मी बादलों में उठा लिए गए (1 थिस्सलुनिकियों 4:17)
छ. जीवित दुष्ट यहोवा के मुंह की फूँक से मारे गए (यशायाह 11:4)
ज. मृत दुष्ट 1,000 साल के अंत तक अपनी कब्रों में रहते हैं (प्रकाशितवाक्य 20:5)
झ. यीशु धर्मी लोगों को स्वर्ग ले जाता है (यूहन्ना 13:33, 36; 14:2, 3)
ञ. शैतान बंधा गया (प्रकाशितवाक्य 20:1-3)
9. प्रकाशितवाक्य 20:4 कहता है कि 1,000 साल के दौरान स्वर्ग में न्याय होगा। किस लिए? कौन भाग लेगा?
“फिर मैंने सिंहासन देखे, और उन पर लोग बैठ गए, और उनको न्याय करने का अधिकार दिया गया। ... वे जीवित होकर मसीह के साथ हजार वर्ष तक राज्य करते रहे” (प्रकाशितवाक्य 20:4)। “क्या तुम नहीं जानते हो कि पवित्र लोग जगत का न्याय करेंगे? ... क्या तुम नहीं जानते कि हम स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे?” (1 कुरिंथियों 6:2, 3)।
उत्तर: सभी युगों के बचाए गए लोग (और शायद यहाँ तक कि अच्छे स्वर्गदूत) 1,000 वर्षों के दौरान न्याय में भाग लेंगे। शैतान और उसके स्वर्गदूतों सहित सभी दुष्ट लोगों के मामलों की समीक्षा की जाएगी। यह न्याय बचाए गए उन सभी लोगों के उन प्रश्नों के उत्तर देगा जो उन्हें उन दुष्टों से होंगे। अंत में, सभी देखेंगे कि लोगों को स्वर्ग से इसलिए बाहर रखा जाएगा क्योंकि वे वास्तव में यीशु की तरह जीना नहीं चाहते थे या उनके साथ रहना नहीं चाहते थे।
1,000 वर्षों के दौरान होने वाली घटनाओं की समीक्षा:
क. भयंकर ओलावृष्टि और विनाशकारी भूकंप से धरती एक बिगड़ी स्थिति में है (प्रकाशितवाक्य 16:18-21)
ख. पृथ्वी सम्पूर्ण अन्धकार और उजाड़ की स्तिथि में, एक “अथाह कुण्ड” जैसी है (यिर्मयाह 4:23, 28)
ग. शैतान, धरती पर रहने के लिए बाध्य और मजबूर किया गया (प्रकाशितवाक्य 20:1-3)
घ. स्वर्ग में धर्मी न्याय में भाग लेते हैं (प्रकाशितवाक्य 20:4)
ङ. सभी दुष्ट मर चुके हैं (यिर्मयाह 4:25; यशायाह 11:4)
1,000 वर्षों के दौरान, पृथ्वी पर रहने वाली हर आत्मा दो स्थानों में से एक में होगी:
(1) पृथ्वी पर, मृत और खोया हुआ, या (2) स्वर्ग में, निर्णय में भाग लेने वाला। परमेश्वर आपको स्वर्ग में रहने के लिए आमंत्रित करता है। कृपया उसका निमंत्रण स्वीकार करें!
10. 1,000 साल की समाप्ति पर, पवित्र नगर, नया यरूशलेम, स्वर्ग से इस धरती पर उतरेगा। इसके साथ कौन आएगा? यह कहाँ स्थित होगा?
“मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग से परमेश्वर के पास से उतरते देखा। ... फिर मैं ने सिंहासन में किसी को ऊँचे शब्द से यह कहते सुना, ‘देख परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है’ (प्रकाशितवाक्य 21:2, 3)। “सुनो, यहोवा का एक ऐसा दिन आनेवाला है ... उस दिन वह जैतून के पर्वत पर पाँव रखेगा, जो पूर्व की ओर यरूशालेम के समान है; तब जैतून का पर्वत पूर्व से लेकर पश्चिम तक बीचोबीच से फटकर बहुत बड़ा खड्ड हो जाएगा ... तब परमेश्वर यहोवा आएगा, और सब पवित्र लोग उसके साथ होंगे। ... गेबा से लेकर यरूशलेम के दक्षिण की ओर के रिम्मोन तक सब भूमि अराबा के समान हो जाएगी” (जकर्याह 14:1, 4, 5, 10)।
उत्तर: नया यरूशलमे वहाँ बसेगा जहाँ जैतून का पर्वत अभी खड़ा है। पर्वत एक बड़ा मैदान बनने के लिए समतल हो जाएगा, जिस पर नगर उतरेगा। सभी युगों के सब धर्मी (जकर्याह 14:5), स्वर्ग के स्वर्गदूत (मती25:31), परमेश्वर पिता (प्रकाशितवाक्य 21:2, 3), और परमेश्वर पुत्र (मती 25:31) यीशु के खास तीसरे आगमन में वापस आएँगे। दूसरा आगमन उनके पवित्र लोगों के लिए होगा, जबकि तीसरा उनके पवित्र लोगों के साथ होगा।
यीशु के तीन आगमन:
बैतलहम के चरनी में यीशु का पहला आगमन। |
1000 वर्षों के आरम्भ होने पर अपने लोगों को ले जाने के लिए बादलों में यीशु का दूसरा आमगन। |
पवित्र नगर और सब धर्मियों के साथ 1000 वषों के अंत में तीसरा आगमन। |
11. इस समय मरे हुए दुष्टों के साथ क्या होगा? यह शैतान को कैसे प्रभावित करेगा??
“जब तक ये हजार वर्ष पूरे न हुए तब तक शेष मरे हुए न जी उठे। ... जब हजार वर्ष पूरे हो चुकेंगे तो शैतान कैद से छोड़ दिया जाएगा। वह उन जातियों को ... भरमाकर लड़ाई के लिए इकट्ठा करने को निकलेगा” (प्रकाशितवाक्य 20:5, 7, 8)।
उत्तर: 1,000 वर्षों की समाप्ति पर (जब यीशु तीसरी बार आएगा), दुष्टों को उठाया जाएगा। शैतान, अपने बंधनों से मुक्त होगा, और तब उसके पास भरमाने के लिए पूरी धरती में लोग दुनिया के सभी राष्ट्र भरे होंगे।
12. तब शैतान क्या करेगा?
“शैतान ... वह उन जातियों को ... जिनकी गिनती समुद्र के बालु के बराबर होगी, भरमाकर लड़ाई के लिए इकट्ठा करने को निकलेगा। वे सारी पृथ्वी पर फैल कर पवित्र लोगों की छावनी और प्रिय नगर को घेर लेंगी।” (प्रकाशितवाक्य 20:7-9)।
उत्तर: शैतान, अपनी प्रकृति के अनुरूप, पृथ्वी पर छूटे लोगों से झूठ बोलने लगेगा – यानी सभी युगों के दुष्टों से। (शैतान की उत्पत्ति के बारे में अधिक जानकारी के लिए, अध्ययन संदर्शिका 2 देखें.) वह दावा कर सकता है कि नगर वास्तव में उसका है, वह अन्यायपूर्वकता स्वर्गीय साम्राज्य से वंचित किया गया है, परमेश्वर शक्ति का भूखा और निर्दयी है। वह उन्हें विश्वास दिलाएगा कि, यदि वे एकजुट होते हैं, तो परमेश्वर टिक नहीं पाएगा। एक नगर के खिलाफ पूरी दुनिया के एक होने से जीत उन्हें निश्चय मिलेगी। फिर सारे राष्ट्र एकजुट हो जाएँगे और नए येरूशलेम को चारों ओर अपनी सेनाओं से घेर देंगे।
13. नगर पर कब्जा करने या उसे नष्ट करने की शैतान की योजना में क्या बाधा डाली जाएगी?
“आग स्वर्ग से उतरकर उन्हें भस्म करेगी। उन का भरमानेवाला शैतान आग और गन्धक की उस झील में, ... डाल दिया जाएगा ... यह दूसरी मृत्यु है” (प्रकाशितवाक्य 20:9, 10; 21:8)। “तब तुम दुष्टों को लताड़ डालोगे, अर्थात मेरे उस ठहराए हुए दिन में वे तुम्हारे पाँवों के नीचे की राख बन जाएँगे, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है” (मलाकी 4:3)।
उत्तर: दुष्टों पर आग अचानक स्वर्ग से नीचे आ जाएगी (नरक से नहीं,जैसा कि बहुतों का विश्वास है) और शैतान उसके दूतों (मती 25:41) सहित राख में बदल दिया जायेगा। यह आग जो पाप और पापियों को नष्ट करती है उसे दूसरी मृत्यु कहा जाता है। इस मृत्यु से कोई पुनरुत्थान नहीं है। यह अंतिम है। ध्यान दें कि शैतान आग नहीं लगाएगा, जैसा आमतौर पर माना जाता है। वह इसमें होगा, और यह उसके अस्तित्व को मिटा डालेगा। (इस आग पर पूरी जानकारी के लिए, जिसे कभी-कभी नर्क कहा जाता है, अध्ययन संदर्शिका 11 देखें। मृत्यु के बारे में जानकारी के लिए,अध्ययन संदर्शिका देखें 10.)
14. जब दुष्टों को जला दिया जाएगा और आग बुझ जाएगी, तो अगली कौन सी शानदार, रोमांचकारी घटना होगी?
“देखो, मैं नया आकाश और एक नई पृथ्वी उत्पन्न करता हूँ” (यशायाह 65:17)। “हम एक नए आकाश और नई पृथ्वी की आस देखते हैं जिनमें धार्मिकता वास करेगी” (2 पतरस 3:13)। “जो सिंहासन पर बैठा था, उसने कहा, ‘देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूँ’” (प्रकाशितवाक्य 21:5)। “देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है वह उनके साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उनके साथ रहेगा और उनका परमेश्वर होगा” (प्रकाशितवाक्य 21:3)।
उत्तर: परमेश्वर नए आकाश और एक नई पृथ्वी की रचना करेगा, और नया यरूशलेम पृथ्वी की राजधानी होगा। पाप और उसकी कुरूपता हमेशा के लिए चली जाएगी। परमश्वेर के लोग लंबे समय के बाद उस राज्य को पाँएगे जिस राज्य का वादा उनसे किया गया था। “वे हर्ष और आनन्द पाएँगे और शोक और लंबी साँस लेना जाता रहेगा” (यशायाह 35:10)। यह वर्णन करने के लिए अत्यधिक शानदार और खो देने के लिए अत्यधिक महिमामय है! परमश्वेर ने वहाँ आपके लिए एक जगह तैयार की है (यूहन्ना 14:1-3)। इसमें रहने की योजना बनायें। यीशु आपकी सहमति का इंतजार कर रहा है। (स्वर्ग के बारे पूरी जानकारी के लिए, अध्ययन संदर्शिका 4 देखें)
1,000 वर्षों के समाप्त होने पर होने वाली घटनाएँ की समीक्षा करें:
क. अपने पवित्र लोगों के साथ यीशु का तीसरा आगमन (जकर्याह 14:5)।
ख. पवित्र नगर जैतून पर्वत पर बसेगा, जो एक बड़ा मैदान बन जाएगा (जकर्याह 14:4, 10)।
ग. पिता, उसके स्वर्गदूत, और सभी धर्मी यीशु के साथ आएँगे (प्रकाशितवाक्य 21:1-3;
मती 25:31; जकर्याह 14:5)।
घ. मरे हुए दुष्टों को जी उठाया जाएगा; शैतान को स्वतंत्र कर दिया जाएगा (प्रकाशितवाक्य 20:5, 7)।
ङ. शैतान पूरी दुनिया को धोखा देगा (प्रकाशितवाक्य 20:8)।
च. दुष्ट लोग पवित्र शहर को घेर लेंगे (प्रकाशितवाक्य 20:9)।
छ. दुष्ट आग से नष्ट हो जाएँगे (प्रकाशितवाक्य 20:9)।
ज. नया आकाश और पृथ्वी बनाई जाएगी (यशायाह 65:17; 2 पतरस 3:13; प्रकाशितवाक्य 21:1)।
झ. परमेश्वर के लोग नई पृथ्वी पर परमेश्वर के साथ अनंत काल का आनंद मनाएँगे (प्रकाशितवाक्य 21:2-4)।
15.क्या हम जान सकते हैं कि ये सभी महत्वपूर्ण घटनाएं कितनी जल्दी होंगी?
“जब तुम इन सब बातों को देखो, तो जान लो कि वह निकट है, वरन् द्वार ही पर है!” (मत्ती 24:33)। “जब ये बातें होने लगें, तो सीधे होकर अपने सिर ऊपर उठाना, क्योंकि तुम्हारा छुटकारा निकट होगा” (लूका 21:28)। “क्योंकि प्रभु अपना वचन पृथ्वी पर पूरा करके, धार्मिकता से शीघ्र उसे सिद्ध करेगा” (रोमियों 9:28)। “जब लोग करते होंगे, ‘कुशल है, और कुछ भय नहीं, तो उन पर एकाएक विनाश आ पड़ेगा” (1 थिस्सलुनिकियों 5:3)।
उत्तर: यीशु ने कहा था कि जब उनके आने के चिन्ह तेजी से पूरे होंगे, जैसा कि वे आज हो रहे हैं, हमें आनन्दित होना चाहिए और जानना चाहिए कि पाप के संसार का अंत निकट है। और प्रेरित पौलुस ने कहा कि हम जान सकते हैं कि अंत निकट है जब दुनिया में शांति के लिए एक महान आंदोलन होगा। अंत में, बाइबल कहती है कि परमेश्वर काम को कम कर देगा (रोमियों 9:28)। इसलिए, निसंदेह हम उधार के समय पर रह रहे हैं। परमेश्वर अचानक और अनपेक्षित रूप से पहुंचेगा-किसी एक को भी वह समय ज्ञात नहीं होगा, बल्कि केवल परमेश्वर पिता जानता है (मत्ती 24:36; प्रेरितों के काम 1:7)। हमारी एकमात्र सुरक्षा अब तैयार रहना है।
16. यीशु, जो आपको बहुत प्या र करता है, उसने अपने शानदार अनन्त राज्य में आपके लिए एक जगह तैयार की है। क्या आप यीशु के द्वारा निर्मित उस शानदार घर में रहने के लिए योजना बना रहे हैं?
आपका उत्तर:
आपके प्रश्श्नों के उत्तर
1. जब तक दुष्ट लोग स्वर्ग की आग से नाश नहीं हो जाते, तब से लेकर पवित्र नगर के उतरने तक कितना समय व्यतीत होगा?
उत्तर: बाइबल कहती है कि यह “थोड़ी देर” होगी (प्रकाशितवाक्य 20:3)। शैतान के लिए लोगों को अपनी योजना का पालन करने और युद्ध के हथियार तैयार करने के लिए राजी करने के लिए पर्याप्त समय की आवश्यकता होगी। पवित्रशास्त्र में समय की सटीक अवधी प्रगट नहीं की गई है।
2. परमेश्वर के नए राज्य में लोगों के किस तरह के शरीर होंगे?
उत्तर: बाइबल कहती है कि बचाए गए लोगों के शरीर यीशु की शरीर की तरह होंगे (फिलिप्पियों 3:20, 21)। यीशु के पुनरुत्थान के बाद मांस और हड्डियों का असली शरीर था (लूका 24:36-43)। बचाये गए लोग प्रेत के रूप में नहीं होंगे। वे असली लोग होंगे, जैसे कि आदम और हव्वा असली शरीर थे।
3. क्या बाइबल यह कहती है कि यीशु के दूसरे आगमन पर खोये हुए दुष्ट कैसे व्यवहार करेंगे?
उत्तर: हाँ। बाइबल कहती है कि वे “पहाड़ों और चट्टानों से कहने लगेगें, ‘हम पर गिर पड़ो, और हमें उस के मँहु से जो सिंहासन पर बैठा है, और मेम्ने के प्रकोप से छिपा लो। क्योंकि उनके प्रकोप का भयानक दिन आ पहुँचा है, अब कौन ठहर सकता है?” (प्रकाशितवाक्य 6:16, 17)। (पद 14 और 15 देखिए।) दूसरी तरफ धर्मी कहेंगे, “देखो, हमारा परमश्वेर यही है, हम इसी की बाट जोहते आए हैं, कि वह हमारा उद्धार करे। यहोवा यही है, हम उसकी बाट जोहते आए हैं ।हम उससे उद्धार पाकर मग्न और आनन्दित होंगे। ” (यशायाह 25:9)।
4. क्या दुष्ट लोग यरूशलेम के अंदर के धर्मियों को देख सकेंगे?
उत्तर: हम निश्चित रूप से नहीं जानते हैं, लेकिन बाइबल कहती है कि नगर की दीवार पारदर्शी होगी – काँच के समान स्वच्छ (प्रकाशितवाक्य 21:11, 18)। कुछ लोगों का मानना है कि भजन संहिता 37:34 और लूका 13:28 में बताया गया कि बचाए गए लोग और दुष्ट लोग एक दूसरे को देख सकेंगे।
5. बाइबिल कहती है कि परमेश्वर अपने लोगों की आँखों से सभी आँसू मिटा देंगे और तब मृत्यु, दुख या दर्द नहीं रहेगा। यह कब होगा?
उत्तर: प्रकाशितवाक्य 21:1-4 और यशायाह 65:17 से ऐसा लगता है कि पृथ्वी से पाप को मिटाने के बाद ऐसा होगा। अंतिम न्याय और आग से पाप के विनाश के दौरान, परमेश्वर के लोगों के पास दुखी होने के कई कारण होंगे। जैसा कि उन्हें एहसास होगा कि उनके रिश्तेदार और दोस्त खो हो गए हैं और जिन लोगों को वे प्यार करते हैं उन्हें आग में नष्ट किया जा रहा है, पीड़ा ईश्वर के लोगों के लिए आँसू और दिल का दर्द लाएगी। लेकिन आग के बुझने के बाद, परमेश्वर उनके आँसुओं को पोंछ देगा। उसके बाद वह अपने लोगों के लिए नया आकाश और एक नई पृथ्वी की रचना करेगा, जो उन्हेंनें आनन्द और खुशी देगी। और पीड़ा , उदासी, रोना, और दुःख हमेशा के लिए चला जाएगा। (परमेश्वर के लोगों के स्वर्गीय घर पर अधिक जानकारी के लिए, अध्ययन संदर्शिका 4 देखें)
6. दुष्ट स्वर्गदूतों और लोगों के विनाश से पिता और उसका पुत्र कैसे प्रभावित होंगे?
उत्तर: निस्संदेह राहत मिलेगी और बहुत खुशी होगी कि पाप का बदसूरत कैंसर हमेशा के लिए चला गया है और ब्रह्मांड हमेशा के लिए सुरक्षित है। लेकिन निश्चित रूप से, वे इस तथ्य पर गहरी उदासी का अनुभव करेंगे कि उनमें से बहुत से लोग जिन्हें वे प्रेम करते हैं - और जिन के लिए यीशु की मृत्यु हुई - उन्होंने पाप करने और उद्धार को अस्वी कार करने का फैसला किया। शैतान खुद एक समय पर उनका मित्र था और आग में जल रहे कई लोग एक समय उसके प्यारे बच्चे थे। यह आपके अपने बदमाश बच्चों में से एक को मारने की पीड़ा की तरह होगी। पाप अपनी शुरुआत से ही पिता और पुत्र दोनों पर एक बोझ रहा है। उनका लक्ष्य लोगों से प्यार करना और उन्हें उद्धार के लिए धीरे-धीरे आकर्षित करना है। उनकी भावनाओं को (होशे 11:8) में व्यक्त किया गया है, जो कहता है, “हे प्रैम, मैं तुझे कैसे छोड़ दूँ? हे इस्राएक, मैं कैसे तुझे शत्रु के वश में कर दूँ? ... मेरा हृदय तो उलट पुलट हो गया है, मेरा मन स्नेह के मारे पिघल गया है।”
7. यीशु के पास किस तरह का शरीर है?
उत्तर: उसके पास माँस और हड्डियों का शरीर है। पुनरुत्थान के बाद, यीशु अपने शिष्यों (लूका 24:36-43) के सामने प्रकट हुआ और दिखाया कि वह माँस और हड्डियों के एक शरीर के साथ है और उनके द्वारा अपने शरीर को महसूस करके और कुछ मछली और शहद खाकर खुद को साबित किया।
यीशु स्वर्ग को गया
वह उनके साथ बेथनी को चला गया, और जैसे ही उन्होंने उनके साथ बातचीत समाप्त की, वह स्वर्ग की ओर 6. उठा लिया गया (लूका 24:50, 51)। जो स्वर्गदूत यीशु के स्वर्गरोहन के समय चेलों के सामने प्रगट हुआ, उसने उन्हें समझाया, “यही यीशु, जो तुम्हारे पास से पर उठा लिया गया है, इसी रीति से तुम ने उसे स्वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा” (प्रेरितों के काम 1:11)।
यही यीशु वापस आएगा
स्वर्गदूत ने यह जोर देकर कहा कि यही यीशु (जिसकी माँस और हड्डियों है) फिर से आ जाएगा। वह असली होगा, भूत नहीं, और जी उठाए गए संतों के शरीर भी उसके शरीर के समान होंगे (फिलिप्पियों 3:20, 21; 1 यूहन्ना 3:2)। संतों के नए शरीर भी अविनाशी और अमर होंगे (1 कुरिन्थियों 15:51-55)।
सारांश पत्र
1. प्रकाशितवाक्य अध्याय 20 के 1,000 वर्षों की शुरुआत में होने वाली घटनाओं को चिह्नित करें: (10)
_____ यीशु का दूसरा आगमन।
_____ भूकंप और ओलावृष्टि।
_____ मरे हुए धर्मियों का जी उठाया जाना।
_____ शैतान बंदी बनाया जाना।
_____ जीवित दुष्ट मारे जाएँगे।
_____ धर्मियों को अमरता दी जाएगी।
_____ पवित्र नगर उतरता है।
_____ धर्मी स्वर्ग में ले जाये जाएँगे।
_____ कब्रों में दुष्ट मरे पड़े रहेंगे।
_____ धर्मियों को यीशु के जैसा शरीर मिलेगा।
_____ धर्मी लोग बादलों में उठा लिए जाएँगे।
_____ कुछ धर्मी पृथ्वी पर छोड़ दिए जाएँगे।
2. पृथ्वी पर हर एक जीवित व्यक्ति यीशु को उसके दूसरे आगमन पर देखेगा। (1)
_____ सच।
_____ असत्य।
3. स्वर्ग में धर्मियों का प्रेत की तरह शरीर होगा। ( (1)
_____ सच।
_____ असत्य।
4. 1,000-वर्ष की अवधि के बारे में निम्नलिखित में से कौन सी बातें सत्य है? (2)
_____ कई पापियों को परिवर्तित कर दिया जाएगा।
_____ शैतान और उसके स्वर्गदूतों को धरती पर रहने के लिए मजबूर किया जाएगा।
_____ शैतान इस तथ्य से बंधेगा कि देखने के लिए कोई टेलीविजन नहीं रहेगा।
_____ इन 1000 वर्षों के दौरान पृथ्वी पर रौशनी और धूप होगी।
_____ शैतान दुष्टों को, अपना साथ देने के लिए, ज़िंदा करेगा।
_____ धर्मी स्वर्ग में होंगे, न्याय में भाग लेंगे।
5. 1,000 साल की अवधि पूरी होने के बाद की घटनाओं के बारे में निम्नलिखित में से कौन की बातें सत्य है? (4)
_____ मसीह पाँचवीं बार आएगा।
_____ पवित्र नगर वाशिंगटन, डी.सी. के क्षेत्र में उतरेगा।
_____ यीशु के साथ अच्छे स्वर्गदूत, परमेश्वर पिता, और संत आएँगे।
_____ दुष्टों को जी उठाया जाएगा।
_____ यीशु अपने पवित्र लोगों के साथ आएगा ।
_____ परमेश्वर फैसला करेगा कि दुष्टो को न जिलाया जाये।
_____ क्रोधित बुरे दूतों के द्वारा दुष्टों को नष्ट कर दिया जाएगा।
_____ परमेश्वर नए आकाश और एक नई पृथ्वी की रचना करेगा।
_____ परमेश्वर शैतान को ब्रह्मांड की बाहरी छोरों में निष्कासित कर देगा।
_____ शैतान एक शक्तिशाली नई मिसाइल के साथ पवित्र नगर को मिटा देगा।
6. शैतान बांधने वाली जंजीर (3)
_____ प्रतीकात्मक - परिस्थितियों की एक श्रृंखला है।
_____ उसे पृथ्वी पर रहने के लिए मजबूर करेगी।
_____ एक नई, बहुत कठोर धातु से बनी होगी ।
_____ 24 घंटों के भीतर शैतान द्वारा तोड़ दिया जाए।
_____ वह उसे परमेश्वर के लोगों को भरमाने से रोकेगा जो स्वर्ग में सुरक्षित होंगे।
7. अथाह-कुंड के विषय के बारे में कौन से तथ्य सही हैं? (2)
_____ यह पृथ्वी के अंदर एक विशाल छेद है।
_____ इसका मतलब है गहरा - कुण्ड ।
_____ यह अंधेरे और बेडौल और सुनुनसान पृथ्वी को संदर्भित करता है ।
_____ यह नरक का दूसरा नाम है।
8. यीशु के पहले, दूसरे और तीसरे आगमन के बारे में कौन सी चीजें सच हैं? (3)
_____ पहला आगमन, बेथलहम में एक शिशु के रूप में हुआ ।
_____ पहला आगमन नूह के दिनों में हुआ था।
_____ दूसरा आगमन मार्टिन लूथर के दिनों में हुआ था।
_____ दूसरा आगमन 1,000 साल की शुरुआत में होगा।
_____ तीसरा आगमन 1,000 वर्षों के अंत में होगा।
_____ नई पृथ्वी बनने के बाद तीसरा आगमन होगा।
9. आग की झील में दुष्टों की मौत दूसरी मौत होगी। (1)
_____ सत्य ।
_____ असत्य ।
10. मैं निश्चित होकर, विशेष रूप से निर्मित शानदार घर में रहने की योजना बना रहा हूं, जो यीशु स्वर्ग में मेरे लिए तैयार कर रहा है।
_____ हाँ।
_____ नहीं।