अच्छी चिकित्सा देखभाल अमूल्य है – परन्तु यदि हमें चिकित्सकों की आवश्यकता न हो तो क्या यह अच्छा नहीं होगा? खैर, क्या आपको पता था कि बहुत सारे चिकित्सकों को काम से दूर करने का एक सिद्ध तरीका है? … अपने शरीर का ख्याल रखें! वैज्ञानिकों ने कोलेस्ट्रॉल, तंबाकू , तनाव, मोटापे और शराब के बारे में चेतावनी दी है, तो अपनी किस्मत क्यों आज़माएँ ? परमेश्वर सचमुच इस बात की परवाह करता है कि आप अपने शरीर के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, और उसने आपके लिए एक नि:शुल्क स्वास्थ्य योजना दी है - बाइबल! दीर्घायु और स्वस्थ जीवन पाने के आश्चर्यजनक तथ्यों की जानकारी के लिए, इस अध्ययन की संदर्शिका को पढ़ें - परन्तु किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले इसे पूरा पढ़ना सुनिश्चित करें!

1. क्या स्वास्थ्य सिद्धांत वास्तव में बाइबल के सच्चे धर्म का हिस्सा हैं?

“हे प्रिय, मेरी यह प्रार्थना है कि जैसे तू आत्मिक उन्नति कर रहा है, वैसे ही तू सब बातों में उन्नति करे और भला चंगा रहे” (3 यूहन्ना 1:2)।

उत्तर: हाँ। स्वास्थ्य को बाइबल महत्वपूर्ण चीजों की सूची में शीर्ष स्थान के निकट रखती है। एक व्यक्ति का दिमाग, आध्यात्मिक प्रकृति , और शरीर सभी एक दूसरे से परस्पर संबद्ध रखते हैं और एक दूसरे पर निर्भर हैं। जो एक को प्रभावित करता है वही दूसरों को भी प्रभावित करता है। अगर शरीर का दुरुपयोग किया जाता है, तो मन और आध्यात्मिक प्रकृति वह नहीं बन सकते जिसकी योजना परमश्वेर ने बनाई है - और आप बेहतरीन जीवन जीने में सक्षम नहीं होंगे। (यूहन्ना 10:10 देखें।)

2. परमेश्वर ने अपने लोगों को स्वास्थ्य सिद्धांत क्यों दिए?

“और यहोवा ने हमें ये सब विधियाँ पालन करने की आज्ञा दी , इसलिए कि अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानें, और इस रीति सदैव हमारा भला हो, और वह हम को जीवित रखे, जैसा कि आज के दिन है” (व्यवस्थाविवरण 6:24)। “तू अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करना, तब वह तेरे अन्न जल पर आशीष देगा, और तेरे बीच में से रोग दरू करेगा” (निर्गमन 23:25)।

उत्तर: परमेश्वर ने स्वास्थ्य सिद्धांत दिए क्योंकि वह जानता है कि मानव शरीर के लिए श्रेष्ठ क्या है। मोटर-वाहन निर्माता प्रत्येक नई कार के केबिनेट के डिब्बे में एक संचालन पुस्तिका रखते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि उनके निर्माण के लिए श्रेष्ठ क्या है। परमेश्वर, जिन्होंने हमारे शरीर की रचना की, उसकी भी “संचालन पुस्तिका ” है। और यह बाइबिल है। परमेश्वर के “संचालन पुस्तिका ” को अनदेखा करने का परिणाम अक्सर बीमार होना, विकृत सोच और जीवन का नष्ट होना ही होता है, जैसे कि कार का दुरुपयोग करने से कार में गंभीर रूप से खराबी आ सकती है। परमेश्वर के सिद्धांतों को मानने का परिणाम “स्वास्थ्य बचाव” (भजन संहिता 67:2) और बहुता यत से जीवन पाना है (यूहन्ना 10:10)। हमारे सहयोग से, परमेश्वर इन महान स्वास्थ्य नियमों को शैतान की बीमारियों के प्रभाव को कम करने और समाप्त करने के लिए उपयोग कर सकते हैं (भजन संहिता 103:2, 3)।

3. क्या परमेश्वर के स्वास्थ्य सिद्धांतों का खाने और पीने के साथ कोई सम्बन्ध है?

“उत्तम वस्तुएँ खाने पाओगे और चिकनी चिकनी वस्तुएँ खाकर संतुष्ट हो जाओगे” (यशायाह 55:2)। “इसलिए तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिए करो” (1 कुरिन्थियों 10:31)।

उत्तर: हाँ। एक मसीही अलग तरह के भोजन खाएगा और पीएगा – सब कुछ परमेश्वर की महिमा के लिए – वह वही चुनेगा जो “अच्छा है”। यदि परमेश्वर कहता है कि कोई चीज़ खाने के लिए उपयुक्त नहीं है, तो उसके पास एक अच्छा कारण होगा। वह कठोरता नाशाह नहीं है, बल्कि एक प्रेमी पिता है। उसकी सारी सलाह हमेशा हमारे अच्छे के लिए है। बाइबल प्रतिज्ञा करती है, “जो लोग खरी चाल चलते हैं, उनसे वह कोई अच्छी वस्तु रख न छोड़ेंगा” (भजन संहिता 84:11)। तो यदि परमेश्वर हमें कोई चीज नहीं देता है, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि यह हमारे लिए अच्छा नहीं है।

नोट: कोई भी व्यक्ति स्वर्ग में जाने के लिए अपना रास्ता भोजन खाकर नहीं बना सकता / सकती है। केवल यीशु मसीह को परमेश्वर और उद्धारकर्त्ता के रूप में स्वीकार करने से यह हो सकता है। परमेश्वर के स्वास्थ्य नियमों को अनदेखा करना, हालांकि, किसी व्यक्ति के सही निर्णय के खोने का और पाप में गिरने का कारण बन सकती है, यहाँ तक कि उद्धार खोने की स्थिति तक पहुँचा सकती है।

4. What did God give people to eat when He created them in a perfect environment?

4. परमेश्वर ने लोगों को खाने के लिए क्या दिया जब उसने उन्हें एक सिद्ध वातावरण में बनाया ?

“फिर परमेश्वर ने उनसे कहा , ‘सुनो, जितने बीज वाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीज वाले फल होते हैं, वे सब मैं ने तुम को दिये हैं। ... तू वाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता है’” (उत्पत्ति 1:29; 2:16)।

उत्तर: शुरुआत में, परमेश्वर ने लोगों को जो आहार दिया, वह फल, अनाज, और मेवे थे। सब्जियों को बाद में जोड़ा गया (उत्पत्ति 3:18)।

5. What items are specifically mentioned by God as being unclean and forbidden?

5. परमेश्वर द्वारा किन वस्तुओं के अशुद्ध और वर्जित होने का विशेष उल्लेख किया गया है?

उत्तर: लैव्यव्यवस्था 11 और व्यवस्थाविवरण 14 में, परमेश्वर निम्नलिखित खाद्य समूहों को अशुद्ध मानते हैं।
दोनों अध्यायों को पूर्ण रूप से पढ़ें।

क. उन सभी पशुओं का माँस जिनके खुर चिरे या फटे हुए नहीं हैं और जो पागुर नहीं करते है (व्यवस्थाविवरण 14:6)।
ख. बिना पंख और छिलके वाले मछली (व्यवस्थाविवरण 14:9)। लगभग सभी मछली शुद्ध हैं।
ग. शिकार करने वाले सभी पक्षी, लाश खाने वाले सभी पक्षी, और मछली खाने वाले सभी पक्षी (लैव्यव्यवस्था 11:13-19)।
. अधिकांश “रेंगने वाले जीव जंतु” (या अपृष्ठवंशी) (लैव्यव्यवस्था 11:21-44)।

ध्यान दें: ये अध्याय यह स्पष्ट करते है कि आम तौर पर खाए जाने वाले अधिकाशं जानवर, पक्षी और जल प्राणी शुद्ध हैं ।हालांकि, कुछ उल्लेखनीय अपवाद हैं । परमेश्वर के नियमों के मुताबिक, निम्नलिखित जानवर अशुद्ध हैं और खाने के लिए नहीं हैं : बिल्लियाँ , कुत्ते, घोड़े , ऊँट, उकाब, गिद्ध, सअुर, गिलहरी, खरगोश, मागरू , सर्पमीन, झींगा, सीप,केकड़ा , घोंघे , मेंढक, आदि ।

6. If a person likes pork and eats it, will he really be destroyed at the second coming?

6. अगर कोई व्यक्ति सूअर का मास पसंद करता है और उसे खाता है, तो क्या वह वास्तव में दूसरे आगमन पर नष्ट हो जाएगा?

“देखो, यहोवा आग के साथ आएगा ... क्योंकि यहोवा सब प्राणियों का न्याय आग से और अपनी तलवार से करेगा, और यहोवा के मारे हुए बहुत होंगे। जो लोग अपने को इसलिए पवित्र और शुद्ध करते हैं कि बारियों में जाएँ और किसी के पीछे खड़े होकर सुअर या चूहे का माँस और अन्य घृणित वस्तुएँ खाते हैं, वे एक ही संग नष्ट हो जाएँगे” (यशायाह 66:15-17)।

उत्तर: यह चौंकाने वाला हो सकता है, लेकिन यह सच है और बताया जाना चाहिए। बाइबल कहती है कि जो कोई “सुअर का माँस” और अन्य अशुद्ध वस्तुओं को खाता है जो “घृणित ” हैं,वे परमश्वेर के आने पर नष्ट हो जाएंगे। जब परमेश्वर कुछ वस्तुओं को नहीं खाने को कहता है, तो हमें हर तरह से उसका पालन करना चाहिए। आखिरकार, आदम और हव्वा द्वारा मना किये गए फल को खाने से दुनिया में पाप और मृत्यु आ गई। क्या कोई कह सकता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता ?परमेश्वर कहते हैं कि लोग नष्ट हो जाएँगे क्योंकि उन्होंने वह “चुना है जिसमें मैं प्रसन्न नहीं हूँ ” (यशायाह 66:4)।

7. But didn’t this law of clean and unclean animals originate with Moses? Wasn’t it for the Jews only, and didn’t it end at the cross?

7. परन्तु क्या शुद्ध और अशुद्ध जानवरों का यह नियम मूसा के समय में नहीं बना? क्या यह केवल यहूदियों के लिए नहीं था , और क्या यह क्रूस पर समाप्त नहीं हुआ?

“यहोवा ने नूह से कहा , ... ‘सब जाती के शुद्ध पशुओं में से तो तू सात सात जोड़े अर्थात नर और मादा लेना, पर जो पशु अशुद्ध हैं उनमें से दो दो लेना अर्थात नर और मादा ’” (उत्पत्ति 7:1, 2)।

उत्तर: सभी तर्कों पर नहीं। नूह किसी भी यहूदियों के अस्तित्व से बहुत पहले जीवित रहा, परन्तु वह शुद्ध और अशुद्ध जानवरों के बारे में जानता था, क्योंकि वह शुद्ध जानवरों के सात और अशुद्ध जानवरों के दो दो जोड़ों को जहाज़ में ले गया था। प्रकाशितवाक्य 18:2 कुछ पक्षियों को मसीह के दूसरे आगमन से पहले अशुद्ध होने के रूप में संदर्भित करता है। मसीह की मृत्यु किसी भी तरह से इन स्वास्थ्य नियमों को प्रभावित या परिवर्तित नहीं करती है, क्योंकि बाइबल कहती है कि जब यीशु लौटेगा तो, जो लोग नियमों को तोड़ते हैं वे नष्ट हो जाएंगे (यशायाह 66:15-17)। यहूदियों का पाचन तंत्र किसी भी तरह से गैर यहूदियों के पाचन तंत्र से अलग नहीं है। ये स्वास्थ्य नियम सदा सभी लोगों के लिए हैं।

8. Does the Bible say anything about the use of alcoholic beverages?

8. क्या बाइबल मादक पेय पदार्थों के इस्तेमाल के बारे में कुछ भी कहती है?

“दाख मधु ठट्ठा करनेवाला और हल्ला मचानेवाली है, जो कोई उसके कारण चूक करता है, वह बुद्धिमान नहीं है” (नीतिवचन 20:1)। “जब दाख मधु लाल दिखाई देता है, और कटोरे में उसका सुन्दर रंग होता है, और जब वह धार के साथ उण्डेला जाता है तब उसको न देखना। क्योंकि अंत में वह सर्प के समान डसता है, और करैत के समान काटता है” (नीतिवचन 23:31, 32)। “न तो व्यभिचारी ... न ही शराबी ... परमेश्वर के राज्य के वारिस होंगे” (1 कुरिन्थियों 6:9, 10)।

उत्तर: हाँ। बाइबल मादक पये पदार्थों के उपयोग के खिलाफ दृढ़ता से चेतावनी देती है।

9. क्या बाइबल तंबाकू जैसे अन्य हानि कारक पदार्थों के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी देती है?

उत्तर: हाँ। बाइबल छः कारण बताती है कि तंबाकू जैसे हानिकारक पदार्थों के प्रयोग से परमेश्वर क्रोधित क्यों होता है:

क. हानिकारक पदार्थों का उपयोग स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है और शरीर को अशुद्ध करता है। “क्या तुम नहीं जानते कि तुम परमेश्वर का मंदिर हो और परमेश्वर का आत्मा तुम में बसा रहता है? यदि कोई परमेश्वर के मंदिर को नष्ट करेगा तो परमेश्वर उसे नष्ट करेगा, क्योंकि परमेश्वर का मंदिर पवित्र है और वह तुम हो?” (1 कुरिन्थियों 3:16, 17)।

ख. निकोटीन एक लत लगाने वाला पदार्थ है जो लोगों को गुलाम बनाती है। रोमियों 6:16 कहता है कि हम जिसके (या किसी भी चीज के) अधीन हो जाते हैं, हम उसके दास बन जाते हैं। तंबाकू के उपयोगकर्ता निकोटीन के दास हैं। यीशु ने कहा, “तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर” (मत्ती 4:10)।

ग. तंबाकू की आदत अशुद्ध है। “उनके बीच में से निकलो और अलग रहो, और अशुद्ध वस्तु को मत छूओ, तो मैं तुम्हें ग्रहण करूंगा” (2 कुरिन्थियों 6:17)। किसी भी रूप में तंबाकू का उपयोग करके, मसीह के बारे में सोचना, क्या बेवकूफी नहीं है?

घ. हानिकारक पदार्थों का प्रयोग पैसे बर्बाद करता है। “जो भोजनवस्तु नहीं है, उसके लिए तुम क्यों रुपया लगाते हो” (यशायाह 55:2)। हम परमेश्वर के द्वारा दिए गए पैसे के भण्डारी, और “फिर यहाँ भण्डारी में यह बात देखी जाती है कि वह विश्वास योग्य हो” (1 कुरिन्थियों 4:2)।

ङ. हानिकारक पदार्थों का प्रयोग पवित्र आत्मा के संकेतों को समझने की हमारी क्षमता को कमजोर करता है। “उन संसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती है बचे रहो” (1 पतरस 2:11)। हानिकारक पदार्थों का प्रयोग संसारिक अभिलाषा है।

च. हानिकारक पदार्थों का प्रयोग जीवन को घटाता है। विज्ञान ने पुष्टि की है कि तंबाकू का प्रयोग नाटकीय रूप से जीवन अवधि को कम कर सकता है। यह हत्या के खिलाफ परमेश्वर के आदेश को तोड़ता है (निर्गमन 20:13)। हालांकि यह धीमी हत्या है, फिर भी यह हत्या है। अपने अंतिम संस्कार को स्थगित करने का सबसे अच्छा तरीका , तंबाकू का उपयोग करना छोड़ना है।

10. बाइबल में पाए जाने वाले कुछ सरल परन्तु महत्वपूर्ण स्वास्थ्य नियम क्या हैं?

उत्तर: यहाँ बाइबल के 11 स्वास्थ्य सिद्धांत हैं:
क. नियमित समय पर भोजन खाएँ, और पशु वसाया रक्त का
उपयोग न करें। “समय पर भोजन करते हैं” (सभोपदेशक 10:17)।
“सदा की विधि ठहरेगी कि तुम चर्बी और लहू कभी न खाओ”
(लैव्यव्यवस्था 3:17)।
नोट: विज्ञान ने पुष्टि की है कि अधिकाशं दिल के दौरे उच्च कोले स्ट्रॉल से होते हैं- और वसा का उपयोग काफी हद तक कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर के लिए जिम्मेदार है। ऐसा लगता है कि परमेश्वर जानता है कि आखिरकार वह किस बारे में बात कर रहा है, है ना?
ख. ज़रूरत से ज्यादा न खाएँ। “यदि तू अधिक खानेवाला हो, तो थोड़ा खाकर भूखा उठ जाना” (नीतिवचन 23:2)। लूका 21:34 में, मसीह ने विशेष रूप से अंतिम दिनों में “मतवालेपन” (असंयमीता ) के खिलाफ चेतावनी दी थी। सीमा से ऊपर खान पान, पाप है, जो कई जानलेवा बिमारियों के लिए ज़िम्मेदार है।
ग. ईर्ष्या और जलन न करें। इस प्रकार की पापी भावनाएँ वास्तव में शरीर की प्रक्रियाओं को बाधित करती हैं। बाइबल कहती है कि ईर्ष्या से “हड्डियां जल जाती हैं” (नीतिवचन 14:30)। मसीह हमें उन द्वेषों को भी दूर करने की आज्ञा देता है जो दूसरे लोग हमारे खिलाफ रख सकते हैं (मत्ती 5:23, 24)।
घ. एक हंसमुख, खुश स्वभाव बनाए रखें। “मन का आनन्द अच्छी औषधि है, परन्तु मन के टूटने से हड्डियां सखू जाती हैं” (नीतिवचन 17:22)। “जैसा कि वह अपने मन में विचार करता है, वैसा आप है” (नीतिवचन 23:7)। कई बीमारियों से पीड़ित लोग अवसाद का परिणाम हैं। एक हंसमुख, खुश स्वभाव, स्वास्थ्य प्रदान करता है और जीवन को बढ़ाता है!

ङ. परमेश्वर में पूरा भरोसा रखें। “यहोवा का भय मानने से जीवन की बढ़ता है, और उसका भय माननेवाला ठिकाना पाकर सुखी रहता है” (नीतिवचन 19:23)। परमेश्वर में विश्वास स्वास्थ्य और जीवन को मजबूत करता है। “हे मेरे पुत्र, मेरे वचनों पर ध्यान दें ... क्योंकि जिनको वे प्राप्त होती है, वे उनके जीवित रहने का , और उनके सारे शरीर का चंगे रहेने का कारण होती है” (नीतिवचन 4:20, 22)। स्वास्थ्य परमेश्वर के आदेशों की आज्ञाकारिता से और उसके ऊपर पूर्ण भरोसा रखने से आता है।

च. काम और व्यायाम के साथ नींद और आराम का संतुलन बनाएँ। “छः दिन तो तू परिश्रम करके अपना सब काम-काज करना, परन्तु सातवाँ दिन तेरे परमश्वेर यहोवा के लिए विश्रामदिन है” (निर्ग मन 20:9, 10)। “परिश्रम करने वाला ... उसकी नींद सुखदायी होती है”(सभोपदेशक 5:12)। “अपने माथे के पसीने की रोटी खाया करेगा” (उत्पत्ति 3:19)। “तुम जो सवेरे उठते और देर तक परिश्रम करते ...यह सब तुम्हारे लिए व्यर्थ है” (भजन संहिता 127:2)। “मनुष्य जो धरती पर मन लगाकर परिश्रम करता है उससे उसको क्या लाभ होता है? उसके सब दिन तो दुःखों से भरे रहते हैं और उसका काम खेद के साथ होता है, रात को भी उसका मन चैन नहीं पाता । यह भी व्यर्थ ही है” (सभोपदेशक 2:22, 23)।

छ. अपने शरीर को साफ रखें। “अपने को शुद्ध करो” (यशायाह 52:11)।
Lady holding a lap, the sun turned dark

ज. सभी चीजों में संयम रखें। “हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम रखता है” (1 कुरिन्थियों 9:25)। “तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो” (फिलिप्पियों 4:5)। एक मसीही को उन चीजों से पूरी तरह से बचना चाहिए जो हानिकारक हैं और अच्छी चीजों के उपयोग में संयम रखना चाहिए। स्वास्थ्य को चोट पहुँचाने वाली आदतें “तुम हत्या मत करना” की आज्ञा को तोड़ती हैं। वे किस्तों में आत्महत्या करते हैं।
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झ. उन सभी चीजों से बचें जो शरीर के लिए हानिकारक हैं (1 कुरिन्थियों 3:16, 17)। यह आपको आश्चर्यचकित कर सकता है, लेकिन चिकित्सा विज्ञान यह पुष्टि करता है कि चाय, कॉफी और शीतल पेय जिसमें कैफीन और अन्य हानिका रक तत्व होते हैं, मानव शरीर के लिए नुकसान पहुँचाने वाली हैं। इनमें से किसी में भी चीनी या क्रीम के अलावा कोई और सामग्री नहीं होता है जिसका खाद्य मूल्य हो, और हम में से अधिकांश पहले से ही बहुत अधिक मात्रा में चीनी का उपयोग करते हैं। उत्तेजक पदार्थ शरीर को एक हानिकारक, कृत्रिम ताकत देते हैं और एक पहिया ठेले में एक टन भार ले जाने की कोशिश करने जैसा है। इन पेय पदार्थों की लोकप्रियता स्वाद या विज्ञापन के कारण नहीं है, बल्कि कैफीन और चीनी की वजह से है। कॉफी, चाय और शीतल पेय की लत के कारण कई अमेरिका बीमार हैं। यह शैतान को प्रसन्न करता है और मानव जीवन को नुकसान पहुँचाता है।

ञ. भोजन के समय को एक सुखद समय बनाएँ। “और यह भी परमेश्वर का दान है कि हर मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे” (सभोपदेशक 3:13)। भोजन के वक्त दुखी दृश्य पाचन में बाधा डालते हैं। उनसे बचें।
ट. उन लोगों की मदद करें जो ज़रूरत में हैं। “अन्याय से बने हुए दासों, और अन्धेर सहनेवालों का जुआ तोड़कर ...और सब जूओं को टुकड़े टुकड़े कर देना ... अपनी रोटी भूखों में बाँट देना, अनाथ और मारे-मारे फिरने हुओं को अपने घर ले आना, किसी को नंगा देखकर वस्त्र पहिनाना ... और तू शीघ्र चंगा हो जाएगा” (यशायाह 58:6-8)। इसे न समझ पाना असंभव है: जब हम गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते हैं, तो हम अपना स्वास्थ्य सुधारते हैं।

11. उन लोगों को क्या गंभीर चेतावनी दी गई है, जो परमेश्वर के सिद्धांतों को अनदेखा करते हैं?

“धोखा न खाओ; क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है वही काटेगा” (गलतिय ों 6:7)।

उत्तर: जो लोग परमेश्वर के स्वास्थ्य सिद्धांतों की अनदेखी करते हैं, उन्हें संभवतः अस्वस्थ शरीर थकावट भरी जीवन ही मिलेगी, वैसे ही जैसे जब कोई अपनी गाड़ी का दुरुपयोग करता है, उनकी गाड़ी में गंभीर खराबी आ सकती है। और जो लोग परमेश्वर के स्वास्थ्य नियमों को तोड़ना जारी रखते हैं वे अंततः नष्ट हो जाएंगे (1 कुरिन्थियों 3:16, 17)। परमेश्वर के स्वास्थ्य नियम इच्छा के अधीन नहीं हैं–वे ब्रह्मांड के प्राकृतिक , स्थापित कानून हैं, जैसे गुरुत्वाकर्षण का नियम। इन नियमों को नजरअंदाज करना विनाशकारी परिणाम ला सकता है! बाइबिल कहती है, “व्यर्थ शाप नहीं पड़ता ” (नीतिवचन 26:2)। समस्या तब आती है जब हम स्वास्थ्य के नियमों को अनदेखा करते हैं। परमेश्वर, दया से हमें बताता है कि ये कानून क्या हैं ताकि हम उन त्रासदियों से बच सकें जो उन्हें तोड़ने के परिणा मस्वरूप होते है।

12. स्वास्थ्य के बारे में कौन सी चौंकानेवाली सच्चाई में हमारे बच्चों और नाती-पोतों को शामिल किया गया है?

“तू उसे न खाना इसलिए कि वह काम करने से जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है तेरा और तेरे बाद तेरे वंश का भी भला हो” (व्यवस्थाविवरण 12:25)। “मैं तेरा परमेश्वर जलन रखने वाला परमेश्वर हूँ, और जो मुझसे बैर रखते हैं, उनके बेटों, पोतों, और परपोतों को भी पितरों का दण्ड दिया करता हूँ” (निर्गमन 20:5)।

उत्तर: परमेश्वर यह स्पष्ट करता है कि बच्चे और पोते और परपोते (चौथी पीढ़ी तक ) उन माताओं-पिताओं की मूर्खता का दण्ड सहेंगे जो परमेश्वर के स्वास्थ्य सिद्धांतों की अनदेखी करते हैं। जब माता -पिता अपने जीवन में परमेश्वर के नियमों का उल्लंघन करते हैं तब उनके बच्चे और पोते - पोतियां, कमजोर और बीमार शरीर के वारिस होते हैं। क्या आप अन्य किसी भी चीज से बचना नहीं चाहेंगे जो आपके बहुमूल्य बच्चों और पोते-पोतियों को नुकसान पहुँचा सकता है?

13. परमेश्वर का वचन और क्या गम्भीरता के तथ्य प्रकाशित करता है?

“परन्तु उनमें से कोई अपिवत्र वस्तु या धृणित काम करनेवाला, या झूठ गढ़नेवा ला किसी रीति से प्रवेश न करेगा, पर केवल वे लोग जिनके नाम मेम्ने के जीवन की पुस्तक में लिखे हैं” (प्रकाशितवाक्य 21:27)। “परन्तु वे लोग जो अपनी घृणित मूरतों और घृणित कामों में मन लगाकर चलते रहते हैं, उनको मैं ऐसा करूँगा कि उनकी चाल उन्हीं के सिर पड़ेगी, प्रभु यहोवा की यही वाणी है” (यहेजकेल 11:21)।

उत्तर: परमेश्वर के राज्य में किसी भी अपवित्र या अशुद्ध बात या वस्तु की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी गंदी आदतें किसी भी व्यक्ति को अशुद्ध करती हैं। अनुचित भोजन का उपयोग किसी व्यक्ति को दुषित करता है (दानिय्येल 1:8)। यह गभीर परन्तु सच है। अपने तरीकों का चयन स्वयं करने और उन चीज़ों को करना, जिन से परमेश्वर प्रसन्न नहीं होता , लोगों की अनन्त उद्धार की संभावनाओं को समाप्त कर देता है (यशायाह 66:3, 4, 15-17)।

14. प्रत्येक निष्ठावान मसीही को इसी क्षण क्या करने की कोशिश करनी चाहिए?

“आओ, हम अपने आप को शरीर की हर मलिनता से शुद्ध करें” (2 कुरिन्थियों 7:1)। “और जो कोई यह आशा रखता है, वह अपने आप को वैसा ही पवित्र करता है जैसा वह है” (1 यूहन्ना 3:3)। “यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे” (यूहन्ना 14:15)।

उत्तर: विश्वासी मसीही अपने जीवन को परमेश्वर के स्वास्थ्य सिद्धांतों के अनुरूप सामंजस्य में लाएँगे क्योंकि वे उससे प्यार करते हैं। वे जानते हैं कि उसके नियम उनकी खुशियों को बढ़ाते है और उन्हें शैतान की बीमारियों से बचाते हैं (प्रेरितों के काम 10:38)। परमेश्वर की सलाह और नियम हमेशा हमारे अच्छे के लिए होते हैं, जैसे अच्छे माता -पिता के नियम और सलाह उनके बच्चों के लिए सबसे अच्छी होती है। और जब हम बेहतर जानने लगते हैं, तब परमेश्वर हमें जिम्मेदार ठहरता हैं। “इसलिए जो कोई भलाई करना जानता है और नहीं करता उसके लिए यह पाप है” (याकूब 4:17)।

15. Some evil habits bind people so tightly. What can they do?15. कुछ बुरी आदतें लोगों को बहुत जोर से जकड़ लेती है। वे क्या कर सकते हैं?

“परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया , उसने उन्हें परमेश्वर की संतान होने का अधिकार दिया ” (यूहन्ना 1:12)। “जो मुझे सामर्थ्य देता है, उसमें मैं सब कुछ कर सकता हूँ” (फिलिप्पियों 4:13)।

उत्तर: आप इन सभी आदतों को मसीह के पास ले जा सकते हैं और उन्हें उसके पैरों पर रख सकते हैं। वह खुशी से आपको एक नया दिल और वह शक्ति देगा जो आपको किसी भी पापी आदत को तोड़ने के लिए आवश्यक है और आप परमेश्वर के बेटा या बेटी बन जाएँगे (यहेजकेल 11:18, 19)। यह जानना कितना रोमांचकारी और दिल को छू लेने वाली बात है कि “परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है” (मरकुस 10:27)। और यीशु ने कहा, “जो कोई मेरे पास आएगा उसे मैं कभी न निकालूँगा” (यूहन्ना 6:37)। यीशु हमें जकड़ने वाले बंधनों को तोड़ने के लिए तैयार है। वह हमें मुक्त करने के लिए उत्सुक है, और वह करेगा, परन्तु सिर्फ तब जब हम इसकी अनुमति देंगे। जब हम उसके कार्यों में मन लगाते हैं तो हमारी चिंताएं, बुरी आदतें, घबराहट तनाव और डर सब खत्म हो जाएँगे। “मैं ने ये बातें तुम से इसलिए कही है, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरो हो” (यूहन्ना 15:11)। शैतान का तर्क है कि स्वतंत्रता , कहना न मानने में, पाई जाती है, लेकिन यह झूठ है! (यूहन्ना 8:44)।

16. परमेश्वर के नए राज्य के बारे में क्या रोमांचकारी वादे दिए गए हैं?

रोमांचकारी वादे दिए गए हैं? “कोई निवासी न कहेगा कि मैं रोगी हूँ” (यशायाह 33:24)। “इसके बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी” (प्रकाशितवाक्य 21:4)। “वे उकाबों के समान उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे” (यशायाह 40:31)।

उत्तर: परमेश्वर के नए राज्य के नागरिक खुशी से उनके स्वास्थ्य सिद्धांतों का पालन करेंगे, और कोई रोग या बीमारी नहीं होगी। उन्हें अनंत शक्ति और यौवन का आशीर्वाद मिलेगा और अनंत काल तक सर्वोच्च आनंद और खुशी से परमेश्वर के साथ रहेंगे।.

17. चूँकि स्वस्थ जीवन वास्तव में बाइबल धर्म का हिस्सा है, क्या आप परमेश्वर के सभी स्वास्थ्य सिद्धांतों का पालन करने के इच्छुक हैं?

आपका उत्तर:

Thought Questionsआपके प्रश्श्नों के उत्तर

1. पहला तीमुथियुस 4:4 कहता है, “क्योंकि परमेश्वर की सृजी हुई हर एक वस्तु अच्छी है, और कोई वस्तु अस्वीकार करने के योग्य नहीं।” क्या आप इसे समझा सकते हैं?

उत्तर: पवित्रशास्त्र का यह अंश, उन खाद्य पदार्थों के संदर्भ में है जिन्हें “परमेश्वर ने इसलिए सृजा कि विश्वासी और सत्य के पहिचाननेवाले उन्हें धन्यवाद के साथ खाएँ ” (पद क्रमांक 3)। ये खाद्य पदार्थ लैव्यव्यवस्था 11 और व्यवस्थाविवरण 14 में सूचीबद्ध शुद्ध खाद्य पदार्थ हैं। पद 4 यह स्पष्ट करता है कि परमेश्वर के सभी प्राणी अच्छे हैं और इन्हें इनकार नहीं करना चाहिए, बशर्ते उन में से हो जिन्हें “धन्यवाद के साथ” खाए जाने के लिए बनाया गया है (शुद्ध जानवर)। पद 5 बताती है कि यह जानवर (या खाद्य पदार्थ ) क्यों स्वीकार्य हैं: वे परमेश्वर के वचन से, जो कहता है कि वे शुद्ध हैं, और आशीर्वाद की “प्रार्थना” से, जो भोजन से पहले की जाती है, “पवित्र” किए गए। कृपया ध्यान दें कि हालांकि, जो लोग अशुद्ध भोजन खाकर “स्वयं को पवित्र करने” की कोशिश करते हैं, अंत में नष्ट हो जाएँगे (यशायाह 66:17)।

2. मत्ती 15:11 कहता है, “जो मुँह में जाता है, वह मनुष्य को अशुद्ध नहीं करता, पर मुँह से निकलता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है।” आप इसे कैसे समझाते हैं?

उत्तर: मत्ती 15:1-20 का विषय हाथ धोए बिना खाना है (पद क्रमांक 2)। यहाँ पर ध्यान खाने पर नहीं परन्तु हाथ धोने पर दिया गया है। शास्त्रियों की शिक्षा थी कि एक विशेष विधि के साथ बिना हाथ धोए कोई भी भोजन, खाने वाला अशुद्ध हो जाता है। यीशु ने कहा कि यह रीति -सम्बन्धी धुलाई अर्थहीन है। पद 19 में, उन्होंने कुछ बुराइयों को सूचीबद्ध किया: हत्या, व्यभिचार, चोरी, इत्यादि । फिर उन्होंने निष्कर्ष निकाला, “ये ही हैं जो मनुष्य को अशुद्ध करती हैं, परन्तु बिना हाथ धोए भोजन करना मनुष्य को अशुद्ध नहीं करता ” (पद 20)।

3. परन्तु क्या यीशु ने प्रेरितों 10 में दर्ज किए गए पतरस के दिव्यदर्शन में सभी जानवरों को शुद्ध नहीं किया ?

उत्तर: नहीं। इस दर्शन के विषय जानवर नहीं है, बल्कि लोग हैं। ईश्वर ने इस दर्शन को, पतरस को यह दिखाने के लिए दिया कि गैर-यहूदी लोग अशुद्ध नहीं थे, जैसा कि यहूदियों ने विश्वास किया था। परमेश्वर ने पतरस के पास पुरुषों को भेजने के लिए, एक ग़ैर-यहूदी, कुरनेलियुस को निर्देश दिया था। परन्तु पतरस ने उन्हें देखने से इंकार कर दिया होता अगर परमेश्वर ने उसे दर्शन न दिया होता , क्योंकि यहूदी कानून अन्यजातियों के सत्कार से मना करता था (पद 28)। लेकिन जब आखिरकार वे मनुष्य पहुंचे, तो पतरस ने उनका यह समझाते हुए स्वागत किया, कि आमतौर पर वह ऐसा नहीं करता , और कहा, “परमेश्वर ने मुझे दिखाया कि किसी मनुष्य को साधारण या अशुद्ध न कहूँ ” (पद 28)। अगले अध्याय (प्रेरितों 11) में, कलीसिया के सदस्यों ने इन गैर-यहूदी लोगों के साथ वार्तालाप के लिए पतरस की आलोचना की। तो पतरस ने उन्हें अपने दर्शन और उसके अर्थ की पूरी कहानी सुनाई। और प्रेरिेतों 11:18 कहती है, “यह सुनकर वे चुप रहे, और परमेश्वर की बड़ाई करके कहने लगे, ‘तब तो परमेश्वर ने अन्यजातियों को भी जीवन के लिये मन फिराव का दान दिया है’।

4. अगर खाने के लिए नहीं , तो परमेश्वर ने सूअर क्यों बनाया ?

उत्तर: उन्हों ने इसे उसी उद्देश्य के लिए बनाया जिस उद्देश्य के लिए गिद्ध बनाया ...  कुड़ा -कचरा साफ करने के लिए एक मेहतर। और सूअर इस उद्देश्य को सराहनीय रूप से पूरा करता है।

5. रोमियों 14:3, 14, 20, कहता है: “खानेवाला न-खानेवाले को तुच्छ न जाने ... कोई वस्तु अपने आप में शुद्ध नहीं... सब कुछ शुद्ध तो है “क्या आप इसकी व्याख्या कर सकते हैं?

उत्तर: पद 3 और 6, कुछ चीजों को खानेवाले लोगों की तुलना उन लोगों से करता है जो उन चीजों को नहीं खाते है। अंश यह नहीं कहता कि यह सही है, बल्कि सलाह है कि दूसरे का निर्णय न करें। इसके बजाय, परमेश्वर को न्यायाधीश बनने दें (पद 4, 10-12)। आयतें 14 और 20 लैव्यव्यवस्था अध्याय 11 के शुद्ध और अशुद्ध माँस के लिए नहीं, बल्कि उन खाद्य पदार्थों को संदर्भित करते हैं जिन्हें पहले मूर्तियों को चढ़ाया गया था - और, इस प्रकार, औपचारिक रूप से अशुद्ध थे। (1 कुरिन्थियों 8:1, 4, 10, 13 पढ़िए) चर्चा का मुद्दा यह है कि कोई भी भोजन “अशुद्ध” या “अपवित्र” इसलिए नहीं है क्यों कि इसे पहले मूर्तियों को चढ़ाया गया है, क्यों कि एक मूर्ति “जगत में कोई वस्तु नहीं है” (1 कुरिन्थियों 8:4)। लेकिन अगर किसी व्यक्ति का विवेक उसे ऐसे भोजन खाने के लिए परेशान करता है, तो उसे अकेला छोड़ देना चाहिए। यहाँ तक कि अगर यह किसी और को अपमानित करता है, तो उसे भी परहेज करना चाहिए।

6. क्या परमेश्वर से प्रेम रखना ही पर्याप्त नहीं है, न की परमेश्वर के स्वास्थ्य के नियमों से खुद को चिंता में डालना?

उत्तर: यदि आप वास्तव में परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, तो आप उसके स्वास्थ्य नियमों का पालन करने के लिए उत्सुक होंगे क्यों कि वह आपके सर्वोतम स्वास्थ्य, खुशी और शुद्धता प्राप्त करने के लिए बनाये गए है। “अपने सब आज्ञा माननेवालों के लिए सदा काल के उद्धार का कारण बन गया” (इब्रानियों 5:9)। यीशु ने कहा, “यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे” (यूहन्ना 14:15)। जब हम वास्तव में परमेश्वर से प्रेम करते हैं, तो हम उसके स्वास्थ्य नियमों (या किसी अन्य आज्ञाओं) को तोड़ने या बहाने बनाने का प्रयास नहीं करेंगे। यह नज़रिया वास्तव में परमेश्वर की अन्य चीजों में सच्चे दिल को प्रकट करता है। “जो मुझसे हे, ‘प्रभु! हे प्रभु!’ कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है।” (मत्ती 7:21)।


सारांश पत्र

1. मानव शरीर के लिए परमेश्वर के स्वास्थ्य नियमों को मानना (1)

_____ बच्चों के लिए जरूरी है, लेकिन वयस्कों के लिए बहुत महत्वपूर्ण नहीं है।
_____ बाइबल के सच्चे धर्म का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है।
_____ किसी व्यक्ति के धर्म से कोई लेना देना नहीं है।

2. परमेश्वर के स्वास्थ्य नियम दिए गए थे(1)

_____ एक प्रेमपूर्ण परमेश्वर के द्वारा जिसने हमें शुरुआत में बनाया और जानता है कि हमारी खुशी के लिए सबसे अच्छा क्या है।
_____  केवल यहूदियों के लिए और आज उनका महत्व नहीं है।
_____ यह दिखाने के लिए वही मालिक है और हमें नियंत्रित कर सकता है।

3. एक सच्चा मसीही(1)

_____  अपनी इच्छा के अनुसार खा और पी सकता है।
_____  सिर्फ परमेश्वर से प्रेम करेगा और उसके स्वास्थ्य नियमों को अनदेखा करें क्योंकि वे क्रूस पर समाप्त हो गए हैं
_____ केवल उन चीजों को खाएगा और पीएगा जो शरीर, दिमाग और चरित्र को मजबूत करते हैं और परमेश्वर को सम्मान देंगे।

4. मनुष्य का पहला आहार (1)

_____  फल, अनाज, और सूखे मेवे शामिल थे।
_____  मादक पये और मांसाहारी खाद्य पदार्थ शामिल थे।
_____ उसमें वह सब कुछ शामिल था जो आदम और हव्वा चाहते थे।

5. परमेश्वर इन प्राणियों को अशुद्ध के रूप में सूचीबद्ध करता है: (7)

_____ गाय।
_____ सुअर
_____ मुर्गी ।
_____ गिलहरी।
_____ खरगोश।
_____ मागुर मछली।.
_____ हिरन।
_____ ट्राउट मछली।
_____ सीपी।
_____ झींगा।
_____ समुद्री झींगा।
_____ बकरी।

6.मादक पेय पदार्थ (1)

_____  यदि संयम में इस्तेमाल किया जाता है तो एक मसीही के लिए ठीक है।
_____ किसी व्यक्ति द्वारा इसका उपयोग करना सिर्फ तब गलत होता है जब वह सोचता है कि यह गलत हैं।
_____ एक मसीही द्वारा उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

7. तम्बाकू का उपयोग है (1)

_____  प्रत्येक व्यक्ति का निजी मामला है और उसके धर्म के साथ कोई भी रिश्ता नहीं है
_____  पापपूर्ण , और एक मसीही किसी भी रूप में इसका उपयोग नहीं करेगा।
_____  मसीही के लिए फायदेमंद।

8.नीचे सूचीबद्ध, उन स्वास्थ्य नियमों को चिन्हित करें, जो परमेश्वर के स्वास्थ्य नियम हैं: (9)

_____ ज़रूरत से ज्यादा न खाएँ ।
_____  प्रत्येक भोजन के बाद धूम्रपान करें।.
_____ खुश और हंसमुख रहें।
_____ भोजन से पहले कुछ शराब पीएँ ।
_____ अपने शरीर को साफ रखें।
_____ बहुत सारा सूअर का मांस खाओ।
_____ बहुत सारी कॉफी और चाय पीएं।
_____ सभी चीजों में संयमशील रहें।
_____  नियमित अंतराल पर भोजन खाएँ ।
_____  दुर्भावना न पालें।
_____ कार्य, व्यायाम, और नींद के बीच संतुलन।
_____  पूरी तरह से परमेश्वर पर भरोसा रखें।
_____ पशुवसा और रक्त का प्रयोग न करें।

9. परमेश्वर के स्वास्थ्य नियमों के बारे में एक बहुत ही महत्वपूर्ण सत्य यह है कि (1)

_____  बच्चों और पोते-पोतियों में अक्सर कमजोर शरीर और दिमाग होते हैं क्योंकि माता -पिता परमेश्वर के स्वास्थ्य कानूनों की अनदेखी करते हैं।
_____ ये कानून केवल यहूदियों के लिए थे और आज लागू नहीं होते हैं।
_____ अगर हम वास्तव में मसीह से प्यार करते हैं, तो उनके स्वास्थ्य नियम महत्वहीन हैं।

10. पापी आदतों को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है (1)

_____ धीरे धीरे त्यागना
_____  पूरी तरह से मसीह को समर्पित हो जाना, जो हमें सभी चीजों को करने की शक्ति देता है।
_____  आशा है कि वे चली जाएँगी।

11. परमेश्वर के स्वास्थ्य नियम हैं(1)

_____ कार चलाने की नियमों की तरह: वे हमारे लिए सबसे अच्छे हैं, और जब हम उन्हें अनदेखा करते हैं तो हम गंभीर समस्या में फँस जाते हैं।
_____ मूसा की आज्ञा का हिस्सा जो क्रूस पर समाप्त किया गया।
_____ एक अच्छा विचार है, परन्तु परमेश्वर के साथ किसी व्यक्ति के संबंध को प्रभावित नहीं करता है।

12. एक निष्ठावान मसीही (1)

_____  प्रार्थना करने में अधिक समय व्यतीत करता है और परमेश्वर के स्वास्थ्य नियमों को अनदेखा करता है।
_____  किसी भी आदत को तुरंत बदल देता जब वह पाता है कि वह परमेश्वर के नियमों का उल्लंघन करती है, क्योंकि जब हम मसीह से प्रेम करते हैं, तो हम खुशी से उसके              नियमों और आज्ञाओं को मानते हैं।
_____ तंबाकू का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र महसूस करता है

13. मेरी योजना है कि मैं परमेश्वर के स्वास्थ्य नियमों का पालन करूँगा / करूँगी ।

_____  हाँ।
_____ नहीं।