क्या आप, परमेश्वर पर भरोसा करते हैं - वास्तव में? सच्चाई यह है कि बहुत से लोग हाँ कह सकते हैं, लेकिन वे इस तरह काम नहीं करते हैं। इससे भी बदतर, क्योंकि वे उस पर भरोसा नहीं करते हैं, वे वास्तव में उससे चुरा सकते हैं! “अरे रहने दीजिए!” आप कहते हैं की “कोई भी परमेश्वर से चुरा नहीं सकता” पर परमेश्वर का उसके लोगों के लिए अचम्भित करने वाला संदेश है, की “तुमने मुझे लुटा है!”
(मलाकी 3:8)। वास्तविक तथ्य साबित करते हैं कि अरबों लोग परमेश्वर से चोरी करते हैं, और जैसा कि यह आश्चर्य जनक प्रतीत होता है, वे अपने खर्च को पूरा करने के लिए चोरी के उस पैसे का प्रयोग करते हैं! फिर भी कई लोग अपनी लापरवाही से अनजान हैं, और इस अध्यय न संदर्शिका में, हम आपको दिखाएँगे कि उस गलती से कैसे बचें और कैसे परमेश्वर में वास्तविक विश्वास के माध्यम से समृद्ध हों।

1. According to the Bible, what portion of our income belongs to the Lord?

1. बाइबल के अनुसार, हमारी आय का कौन सा हिस्सा परमेश्वर का है?

“भूमि की उपज का सारा दशमांश... यहोवा ही का है” (लैव्यव्यवस्था 27:30)।

उत्तर: दसवाँ अंश परमश्वेर का है।

2. “दशमांश” क्या है?

“मिलापवाले तम्बू की जो सेवा लेवी करते हैं उसके बदले मैं उनको इस्राएलियों का सब दशमांश उनका
निज भाग कर देता हूँ” (गिनती 18:21)।

उत्तर: व्यक्ति की आय का दसवाँ भाग दशमांश है। “दशमांश” शब्द का शाब्दिक अर्थ है “दसवाँ भाग।” दशमांश परमश्वेर का है। यह उसका है। हमें इसे रखने का कोई अधिकार नहीं है। जब हम दशमांश देते हैं, तो हम भेंट नहीं दे रहे हैं; हम बस परमेश्वर को वह लौटा रहे हैं जो पहले से ही उसका है। जब तक हम परमेश्वर को हमारी आय का दशमांश नहीं लौटा रहे हैं, तब तक हम परमेश्वर की आज्ञानुसार नहीं कर रहे हैं

3. To where does the Lord ask His people to bring the tithe?

3. यहोवा अपने लोगों से दशमांश को कहाँ लाने के लिए कहता है?

“सारे दशमांश भण्डार में ले आओ” (मलाकी 3:10)।

उत्तर: वह हमें दशमांस को उसके भंडारगृह में लाने को कहता है।

4. परमेश्वर का “भंडारगृह” क्या है?

“तब से सब यहूदी अनाज , नये दाखमधु और टटके तेल के दशमांश भण्डारों में लाने लगे” (नहेम्याह 13:12)।

उत्तर: मलाकी 3:10 में, परमेश्वर भंडारगृह को “मेरा घर,” कहता है, जो उसका मंदिर या अराधनालय है। नहेम्याह 13:12, 13, आगे बताता है कि दशमांश मंदिर के खजाने में लाया जाता था, जो कि परमेश्वर का भंडार है। अन्य लेख जो भंडारगृह को मंदिर के खजाने या कक्षों के रूप में संदर्भित करते हैं, उनमें, 1 इतिहास 9:26; 2 इतिहास 31:11, 12; और नहेम्याह 10:37, 38 शामिल हैं। पुराने नियम के समय में, परमेश्वर के लोग, भंडारगृह में, अपनी फसलों और जानवरों की वृद्धि का 10 प्रतिशत हिस्सा लाते थे।

5. Some have thought that tithing was part of Moses’ system of rites and ceremonies that ended at the cross. Is this true?

5.कुछ लोगों का मानना है कि दशमांश देना, मूसा की रीति और रिवाजों की प्रणाली का हिस्सा था जो क्रूस पर समाप्त हो गया। क्या ये सच है?

“तब अब्राम ने उसको सब वस्तुओं का दशमांश दिया ” (उत्पत्ति 14:20)। और उत्पत्ति 28:22 में, याकूब ने कहा, “और जो कुछ तू मुझे दे उसका दशमांश मैं अवश्य ही तुझे दिया करूँगा।”

उत्तर: इस लेख के अंश बताते हैं कि अब्राहम और याकूब, जो मूसा के दिन से बहुत पहले थे, ने अपनी आय का दसवां हिस्सा दिया। इसलिए हम निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि दशमांश की परमेश्वर की योजना मूसा व्यवस्था तक ही सीमित नहीं थी और हर युग के सभी लोगों पर लागू होती है।

6. बाइबल के पुराने नियम के दिनों में दशमांश किन चीज़ों के लिए इस्तेमाल किया गया था?

“फिर मिलापवाले तम्बू की जो सेवा लेवी करते हैं उसके बदले मैं उनको इस्राएलियों का सब दशमांश उनका निज भाग कर के देता हूँ” (गिनती 18:21)।

उत्तर: पुराने नियम के दिनों में दशमांश याजकों की आय के लिए इस्तेमाल किया जाता था। लेवी के जाति (याजकों) को फसल उगाने और व्यापार के संचालन के लिए जमीन का कोई हिस्सा नहीं दिया गया था, जबकि अन्य 11 जातियों को दिया गया था। लेवियों ने मंदिर की देखभाल करने और परमेश्वर के लोगों की सेवा करने के लिए अपना पूरा समय दिया। इसलिए परमेश्वर की योजना दशमांश के द्वारा याजकों और उनके परिवारों का भरण-पोषण करना था।

7. क्या परमेश्वर ने नए नियम के दिनों में दशमांश के उपयोग के लिए अपनी योजना बदल दी?

“क्या तुम नहीं जानते कि जो मन्दिर में सेवा करते हैं, वे मन्दिर में से खाते हैं; और जो वेदी की सेवा करते हैं, वे वेदी के साथ भागी होते हैं? इसी रीति से प्रभु ने भी ठहराया कि जो लोग सुसमाचार सुनाते हैं, उनकी जीविका सुसमाचार से हो” (1 कुरिन्थियों 9:13, 14)।

उत्तर: नहीं! परमेश्वर ने जारी रखा, और आज उसकी योजना है की दशमांश उन सुसमाचार सेवकों कि सहयोग के लिए
इस्तेमाल की जाए! अगर प्रत्येक दशमांश दे और दशमांश को सख्ती से सुसमाचार सेवकों के सहयोग के लिए इस्तेमाल की
जाए, तो परमेश्वर के अंतिम-समय के लिए सुसमाचार संदेश को पूरी दुनिया तक पहुँचाने के लिए पर्याप्त से अधिक पैसे होंगे।

8. But didn’t Jesus abolish the plan of tithing?

8. परन्तु क्या यीशु ने दशमांश की योजना को समाप्त नहीं किया ?

"हे कपटी शास्त्रियों, और फरीसियों , तुम पर हाय ! तुम पोदिने और सौफ और जीरे का दसवाँ अंश देते हो, परंतु तुम ने व्यवस्था की गम्भीर बातों को अर्थात न्याय, और दया , और विश्वास को छोड़ दिया है; चाहिए था कि इन्हें भी करते रहते, और उन्हें भी न छोड़ते।” (मत्ती 23:23)।

उत्तर: नहीं। इसके विपरीत, यीशु ने इसका समर्थन किया। वह यहूदियों को व्यवस्था के अन्य महत्वपूर्ण विषयों – न्याय, दया, विश्वास – की उपेक्षा करने लिए फटकार रहा था जबकि वे सावधानीपूर्वक दशमांश देते थे। तब उन्होंने स्पष्ट रूप से उनसे कहा कि उन्हें दशमांश देने कि प्रथा जारी रखनी चाहिए, लेकिन साथ ही उन्हें दयालु, विश्वासी और वफादार भी होना चाहिए।

9. परमेश्वर उन लोगों को क्या चौंकाने वाला प्रस्ताव देता है जो दशमांश देने के बारे में अनिश्चित महसूस करते हैं?

“सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा करके मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिए खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूँ कि नहीं” (मलाकी 3:10)।

उत्तर: वह कहता है, “मुझे परखो” और देखो कि मैं तुझे इतना आशीष दूँगा कि इसे संभालना कठिन होगा! बाइबल में सिर्फ यहीं पर परमेश्वर ऐसा प्रस्ताव देता हैं। वह कहता है, “एक बार परख कर देखो। यह काम करेगा। मैं वादा करता हूँ।” दुनिया भर में सैकड़ों हजार दशमांश देने वाले लोग खुशी से परमेश्वर की दशमांश प्रतीज्ञा के सत्य की गवाही देते हैं। वे सभी इन वचनों की सच्चाई को सीख चुके हैं: “आप परमेश्वर को अत्यधिक नहीं दे सकते हैं।”

10. जब हम दशमांश देते हैं, तो वास्तव में हमारे पैसे कौन प्राप्त करते हैं?

“और यहाँ तो मरनहार मनुष्य दसवाँ अंश लेते हैं, पर वहाँ वही [यीशु] लेता है जिसकी गवाही दी जाती है कि वह जीवित है” (इब्रानियों 7:8)।

उत्तर: यीशु, हमारा स्वर्गीय महायाजक, हमारा दशमांश प्राप्त करता है।

11. आदम और हव्वा किस परीक्षा में असफल रहे - वह परीक्षा जो सभी को उत्तीर्ण करनी होगी, यदि हमें उसके राज्य का वारिस होना हैं?

उत्तर: उन्होंने उन चीजों को लिया जिनके लिए परमेश्वर ने कहा कि उनकी नहीं है। परमेश्वर ने आदम और हव्वा को अदन के बाग के सभी पेड़ों के फल दिये, सिर्फ एक को छोड़कर - अच्छे और बुरे के ज्ञान का पेड़ (उत्पत्ति 2:16, 17)। उस पेड़ का फल उनके खाने के लिए नहीं था। लेकिन उन्होंने परमेश्वर पर भरोसा नहीं किया। उन्होंने फल खा लिया और गिर गये - और पाप की लंबी, भयानक, नाशवान दुनिया शुरू हुई। आज लोगों के लिए, परमेश्वर अपना धन, ज्ञान, और स्वर्ग के अन्य सभी आशीष देता है। परमेश्वर हमसे केवल हमारे आय का दसवाँ अंश मँगता है (लैव्यव्यवस्था 27:30), और जैसे उसने आदम और हव्वा के साथ किया, वैसे ही वह इसे बलपूर्वक नहीं लेता है। वह इसे हमारी पहुँच के दायरे में छोड़ देता है लेकिन कहता है, “इसे मत लो। यह पवित्र है। यह मेरा है।” जब हम जानबूझकर परमेश्वर के दशमांश को लेते हैं और अपने लिए उपयोग करते हैं, तो हम आदम और हव्वा के पाप को दोहराते हैं और इस प्रकार, हमारे उद्धारकर्ता में विश्वास की एक दुःखद कमी प्रदर्शित होती। परमेश्वर को हमारे पैसे की जरूरत नहीं है।

परमेश्वर को अपना साथी बनाएँ
जब आप परमेश्वर का दशमांश लौटते हैं, तो आप जो कुछ भी करते हैं, उसमें उसे भागीदार बनाते हैं। क्या ही शानदार, धन्य विशेषाधिकार: परमेश्वर और आप - साथी! उसके साथ एक साथी के रूप में, आप सब कुछ हासिल कर सकते हैं और खोने के लिए कुछ भी नहीं है। हालांकि , परमेश्वर के पैसे लेककर अपने नीजी काम में लगाना एक खतरनाक उद्यम है, जिसे उसने लोगों को बचाने के लिए निर्धारित किया है।

12. दशमांश के अलावा, जो परमेश्वर का है, परमेश्वर अपने लोगों से क्या माँगता है?

“भेंट लेकर उसके आँगनों में आओ” (भजन संहिता 96:8)।

उत्तर: परमेश्वर हमें उसके काम के लिए अपने प्यार की अभिव्यक्ति, और उसकी आशीष के लिए धन्यवाद के रूप, में दान देने को कहता है।

13. परमेश्वर को भेंट के रूप में कितना देना चाहिए?

“हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे; न कुढ़ कुढ़ के और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है” (2 कुरिन्थियों 9:7)।

उत्तर: बाइबल भेंट के लिए एक निर्धारित राशि निर्दिष्ट नहीं करती है। प्रत्येक व्यक्ति निर्णय लेता है कि उसे कितना देना है, जैसा कि परमेश्वर उसे प्रभावित करता है, और फिर उसे खुशी से देता है।

14. भेंट के बारे में परमेश्वर हमारे साथ कौन-से अतिरिक्त बाइबल सिद्धांत साझा करता है?

उत्तर:
क . खुद को परमेश्वर को देना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए (2 कुरिन्थियों 8:5)।
. हमें परमेश्वर को अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए (नीतिवचन 3:9)।
ग . परमेश्वर उदार दाता को आशीष देता है (नीतिवचन 11:24, 25)।
घ . प्राप्त करने से देना अधिक धन्य देता है (प्रेरितों के काम 20:35)।
ड़ . जब हम होते कंजूस हैं तो, हम सही ढंग से, परमेश्वर द्वारा दिए गए आशीष का उपयोग नहीं कर सकते हैं (लूका 12:16-21)।
च . परमेश्वर हमारी भेंट से अधिक हमें लौटाता है (लूका 6:38)।
. हमें परमेश्वर द्वारा दि गई उन्नति और आशीष के अनुपात में भेंट देना चाहिए (1 कुरिन्थियों 16:2)।
ज . हमें देना चाहिए क्योंकि हम सक्षम हैं (व्यवस्थाविवरण 16:17)।

हम परमेश्वर को दशमांश लौटते हैं, जो पहले से ही उसका है। हम भेंट भी देते हैं, जो स्वैच्छिक हैं और उन्हें खुशी से दिया जाना चाहिए।

15. What does the Lord own?

15. परमेश्वर किन चीज़ों का स्वामी है?

उत्तर:
क. दुनिया के सभी चांदी और सोने का (हाग्गै 2:8)।
ख. पृथ्वी और उसके सभी लोगों का (भजन संहिता 24:1)।
ग. दुनिया और इसमें जो सब कुछ है (भजन संहि ता 50:10-12)। लेकिन वह लोगों को अपने महान धन का उपयोग करने की अनुमति देता है। वह उन्हें समृद्धी और धन इकट्ठा करने के लिए ज्ञान और शक्ति भी देता है (व्यवस्थाविवरण 8:18)। सबकुछ देने के बदले में, परमेश्वर चाहता है कि हम अपने व्यापार में उनके महान निवेश की हमारी स्वीकृति के रूप में 10 प्रतिशत वापस देते हैं - साथ ही हमारे प्यार और कृतज्ञता की अभिव्यक्ति के रूप में भेंट भी हैं।

16. यहोवा उन लोगों के विषय में क्या कहता है जो अपना 10 प्रतिशत वापस नहीं देते हैं लेकिन भेंट देते हैं?

“पर देखो, तुम मुझ को धोखा देते हो, और तौभी पूछते हो, ‘हम ने किस बात में तुझे लूटा है?’ दशमांश और उठाने की भेंटों में” (मलाकी 3:8)।

उत्तर: वह उन्हें लुटेरों के रूप में संदर्भित करता है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि लोग परमेश्वर से चोरी कर रहे हैं?

17. परमेश्वर उनसे क्या कहता है जो जानबूझकर दशमांश और भेंट में लूट जारी रखते हैं?

“तुम पर भारी शाप पड़ा है, क्योंकि तुम मुझे लूटते हो है” (मलाकी 3:9)। “न चोर, न लोभी, न पियक्कड़, न गाली देनेवाले, न अन्धेर करनेवाले परमेश्वर के राज्य के वारिस होंगे” (1 कुरिन्थियों 6:10)।

उत्तर: उन पर एक अभिशाप लगाया जायेगा और वे स्वर्ग के राज्य के वारिस नहीं होंगे।

18. परमेश्वर हमें लोभ के खिलाफ चेतावनी देता है। यह इतना खतरनाक क्यों है?

“जहाँ तुम्हारा धन है, वहाँ तुम्हारा मन भी लगा रहेगा” (लूका 12:34)।

उत्तर: क्योंकि हमारे दिल हमारे निवेश पर लगे रहते हैं। यदि हमारा ध्यान अधिक से अधिक धन जमा करने पर है, तो हमारे हृदय लालची, असंतोषी और गौरवित बन जाते हैं। लकिेन अगर हमारा ध्यान साँझा करने, दूसरों की मदद करने और परमेश्वर के काम पर है, तो हमारे दिल देखभाल, प्रेम करने वाले और नम्र बन जाते हैं। लोभ, आखिरी दिनों के भयानक पापों में से एक है जो लोगों को स्वर्ग से बाहर कर देगा (2 तीमुथियुस 3:1-7)।

19. How does Jesus feel when we rob Him of His sacred tithe and offerings?

19. जब हम उसे उसके पवित्र दशमांश और भेंट से लूटते हैं तो यीशु कैसा महसूस करता है?

“इस कारण मैं उस समय के लोगों से क्रोधित रहा, और कहा, ‘इनके मन सदा भटकते रहते हैं, और इन्हों ने मेरे मार्गों को नहीं पहिचाना” (इब्रानियों 3:10)।

उत्तर: परमेश्वर शायद उन माता-पिता के समान महसूस करता है, जिनकी संतान उनका पैसा चुरा लेते हैं। पैसा खुद ही में बड़ी चीज़ नहीं है। यह बच्चे की निष्ठा , प्रेम और विश्वास की कमी है, जो बहुत निराशाजनक है।

20. मकिदुनिया के विश्वासियों के भण्डारीपन के बारे में बाइबल में क्या रोमांचकारी बाते कही गई हैं?

उत्तर: प्रेरित पौलुस मकिदुनिया की कलीसियाओं को लिखा था कि वे यरूशलेम में परमेश्वर के लोगों के लिए थोड़ा धन छोड़ दें, जो एक बड़े अकाल से पीड़ित थे। उन्होंने उनसे कहा कि वह उनके दान को अपने अगले दौरे में उठाएँगे जब वह उनके शहरों में आएँगे। मकिदुनिया की कलीसियाओं की रोमांचकारी प्रतिक्रिया, 2 कुरिंथियों के अध्याय 8 में वर्णित है, जो दिल में जोश भरती है:
क . पद 5 - पहले चरण के रूप में, उन्होंने अपने जीवन को यीशु मसीह को फिर से समर्पित किया।
ख . पद 2, 3 - हालांकि वे स्वयं “बहुत गरीबी” में थे, उन्हों ने “अपनी क्षमता से अधिक “ दान दिया।
ग . पद 4 - उन्होंने पौलुस से वहां आने और उनके उपहार लेने का आग्रह किया।
घ . पद 9 - उनके दान ने यीशु के बलिदान के उदाहरण का पालन किया।

ध्यान दें: यदि हम वास्तव में यीशु से प्रेम करते हैं, तो उसके काम के लिए बलिदानी दान देना कभी बोझ नहीं होगा, बल्कि यह एक शानदार विशेषाधिकार है जिसे हम बहुत खुशी से करेंगे।

21. परमेश्वर उन लोगों के लिए क्या करने का वादा करता है जो दशमांश लौटाने और भेंट देने में विश्वासयोग्य हैं?

“सारे दशमांश भण्डार में ले आओ कि मेरे भवन में भोजनवस्तु रहे; और सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि ऐसा करके मुझे परखो कि मैं आकाश के झरोखे तुम्हारे लिये खोलकर तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीष की वर्षा करता हूँ कि नहीं। मैं तुम्हारे लिये नाश करनेवाले को ऐसा घुड़कूँगा कि वह तुम्हारी भूमि की उपज नष्ट न करेगा, और तुम्हारी दाखलताओं के फल कच्चे न गिरेंगे, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है। तब सारी जातियाँ तुम को धन्य कहेंगी, क्योंकि तुम्हारा देश मनोहर देश होगा, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है” (मलाकी 3:10-12)।

उत्तर: परमेश्वर अपने वफादार वित्तीय भण्डारियों को समृद्ध करने का वादा करता है, और वे उनके आस-पास के लोगों के लिए आशीष होंगे। निम्नलिखित तरीकों पर गौर करें जिनसे परमेश्वर आशीष देता है:
क . परमेश्वर ने वादा किया है कि आपके नौ भाग उसकी आशीष के साथ अधिक उपयोगी, परन्तु आपकी कुल आय इसके बिना उतना उपयोगी नहीं होगी। यदि आप इस पर शक करते हैं, तो कि सी भी वफादार से पूछें!
ख . आशीष हमेशा वित्तीय नहीं होते हैं। उनमें स्वास्थ्य, मन की शांति , प्रार्थनाएँ , सुरक्षा, एक दूसरे से करीब और प्रेम करने वाले परिवार, शारीरिक शक्ति, सही निर्णय लेने की क्षमता, आभार की भावना, यीशु के साथ घनिष्ठ संबंध, लोगों को जीतने में सफलता, पुरानी कार के लंबे समय तक चलना है, आदि!
ग . वह सब कुछ में आपका साथी बन जाता है। परमेश्वर को छोड़कर कोई भी इस प्रकार के शानदार योजना को नहीं बना सकता है।

22. क्या आप अपने प्यार और आभार को जताने के लिए दशमांश और दान देना आरंभ करना चाहते हैं?

आपका उत्तर:


आपके प्रश्नों के उत्तर

1. यदि मुझे पसंद नहीं है कि मेरी कलीसिया मेरे दशमांश का उपयोग करे, तो क्या मुझे दशमांश देना रोक देना चाहिए?

उत्तर: दशमांश देना परमेश्वर का एक आदेश है। यह पवित्र धन है जो परमेश्वर का है (लैव्यव्यवस्था 27:30)। जब आप दशमांश देते हैं, तो आप परमेश्वर को दशमांश देते हैं। परमेश्वर आपके द्वारा कलीसिया को दिए गए पैसे की देखभाल करने के लिए काफी बड़ा है। आपकी ज़िम्मेदारी दशमांश की है। जो उसके धन का दुरूपयोग करते हैं, उन लोगों से निपटने के लिए परमेश्वर पर छोड़ दें।

2. मैं निराश हूँ क्योंकि वित्तीय कठिनाइयों के कारण मैं दशमांश के अलावा बहुत कम राशि देने में सामर्थ हूँ। मैं क्या कर सकता हूँ?

उत्तर: यदि आप अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं तो भेंट का आकार महत्वपूर्ण नहीं है। यीशु ने कहा कि मरकूस 12:41-44 की गरीब विधवा, जिसने केवल दो दमड़ियाँ दी, उन सभी लोगों की तलुना में “इस कंगाल विधवा ने सबसे बढ़कर डाला” क्योंकि सब ने अपने धन की बढ़ती में से डाला है, परन्तु इसने अपनी घटी में से जो कुछ उसका था, अर्थात् अपनी सारी जीविका डाल दी।” परमेश्वर हमारे भेंट को हमारे द्वारा किए गए बलिदान और जिस मन से देते हैं, उसके द्वारा हमारी भेंटों को मापता है। यीशु के लिए आपके उपहार बहुत मायने रखते हैं। इसे खुशी से दें और जानें कि यीशु प्रसन्न है। प्रोत्साहन के लिए 2 कुरिंथियों 8:12 पढ़ें।

3.क्या मेरे भण्डारीपन में, पैसे का उचित संचालन से अधिक कुछ शामिल नहीं है?

उत्तर: हाँ। भण्डारीपन में परमश्वेर से प्राप्त हर प्रतिभा और आशीष का उचित संचालन शामिल है, जो हमें सबकुछ देता है (प्ररितों 17:24, 25)। इसमें हमारे जीवन शामिल हैं! हमारे लिए परमेश्वर की भेंट के वफादार भण्डारीपन में हमारे द्वारा व्यतीत समय भी शामिल है:
क . परमेश्वर द्वारा दिया गया काम पूरा करना (मरकूस 13:34)।
ख . सक्रिय रूप से मसीह के लिए गवाही देना (प्रेरितों के काम 1: 8)।
ग . शास्त्रों का अध्ययन करना(2 तीमुथियुस 2:15)।
घ . प्रार्थना करना(1 थिस्स लुनीकियों 5:17)।
ड़ . ज़रूरतमंदों की सहायता करना (मती 25: 31-46)।
च . प्रतिदिन अपने जीवन को यीशु को समर्पित करना (रोमियों12:1, 2; 1 कुरिन्थियों 15:31)।

4. क्या कुछ प्रचारकों को कुछ ज्यादा ही पैसा नहीं दिया जा रहा है?

उत्तर: हाँ। आज कुछ प्रचारकों द्वारा धन का प्रदर्शन सभी प्रचारकों के प्रभाव को कम कर रहा है। यह यीशु के नाम पर अपमान लाता है। यह हजारों लोगों को कलीसिया और उसकी सेवकाई से घृणा से दूर हो जाने का कारण बनता है। ऐसे प्रचारकों को न्याय के समय एक भयानक दिन का सामना करना पड़ेग

परमेश्वर की अंत-समय की शेष कलीसिया के प्रचारक
हालांकि, परमेश्वर की अंत-समय की शेष कलीसिया के किसी भी प्रचारक को अधिक भुगतान नहीं किया जाता है। प्रशिक्षण के बाद, सभी प्रचारकों को उनके पद या उनकी कलीसिया के आकार के बावजूद वस्तुतः लगभग बराबर वेतन मिलता है (मासिक रूप से केवल कुछ रूपए कम या ज़्यादा होते हैं)। कई मामलों में, पति / पत्नी अतिरिक्त आय के लिए सार्वजनिक क्षेत्रों में काम करते हैं।

5. और यदि मैं दशमांश देने में सक्षम नहीं हूँ तो?

उत्तर: परमेश्वर कहता है कि यदि हम उसे पहले रखते हैं, तो वह यह देखेगा कि हमारी ज़रूरतें पूरी हुई हैं (मती 6:33)। उसका गणित अक्सर मानव सोच के विपरीत काम करता है। उसकी योजना के अनुसार, जो कुछ हमारे पास दशमांश देने के बाद बचा है वह कहीं अधिक टिकेगा! उसकी आशीष बिना दशमांश दिए पैसे पर नहीं होगी।


सारांश पत्र


1. “दशमांश” शब्द का अर्थ वास्तव में “दसवां अंश” है। (1)

_____  हाँ।
_____  नहीं।

2. दशमांश पहले से ही परमेश्वर का है। (1)

_____ सत्य।
_____ असत्य।

3. जब तक मैं अपनी आय का दशमांश परमेश्वर को नहीं लौटाता तब तक मैं परमेश्वर के अनुसार उसका दशमांश नहीं दे रहा हूँ। (1)

_____  सत्य।
_____ असत्य।

4. यीशु ने दशमांश लौटाने का समर्थन किया । (1)

_____  हाँ।
_____  नहीं।

5. अपनी इच्छा से देने के लिए निम्नलिखित में से कौन सा बाइबल दिशानिर्देश और सिद्धांत हैं? (5)

_____ अगर आपके पास कुछ भी बचा है तो दें।
_____  खुशी से दें।
_____  उदारता से दें।
_____  देने पर आप अच्छा महसूस करेंगे।
_____  दें क्योंकि परमेश्वर ने आपको सफलता दी है।
_____  देना प्राप्त करने से अधिक धन्य है।
_____  आपके देने से ज्यादा परमेश्वर आपको वापस करेगा।
_____ यदि आपका मन हो तो दें।
_____  दें क्योंकि लोगों को न लगे कि आप कंजूस हैं।

6. बाइबल के अनुसार, सुसमाचार प्रचारकों के लिए आय का स्रोत होना चाहिए (1)

_____ बिंगो खेल।
_____ सफेद हाथी की बिक्री ।
_____ दशमांश।
_____ बकेरी का लाभ।
_____ लॉटरी बेचना।

7. इस अध्ययन संदर्शिका में मूसा के दिन से पहले दशमांश लौटाने वाले पुराने नियम के किन पितृ वशियों का क्या उल्लेख है?(2)

_____ आदम।
_____  याकूब।
_____  नूह।
_____ इसहाक।
_____  अब्राहम।
_____  मतूशेलह।

8. मलाकी 3:8 के मुताबिक, जो लोग दशमांश और भेंट दान नहीं देते हैं वे किस पाप के दोषी हैं? (1)

_____ मूर्तिपूजा।
_____ सब्त तोड़ना।
_____ हत्या।
_____  डकैती।

9. इब्रानियों की पुस्तक के मुताबिक, जब हम दशमांश देते हैं तो वास्तव में हमारे पैसे कौन प्राप्त करते हैं? (1)

_____ पादरी।
_____  जरूरतमंद।
_____  यीशु, हमारा स्वर्गीय महायाजक।

10. 2 तीमुथियुस 3:1-7 के अनुसार, आखिरी दिनों के पापों में से एक जो लोगों को परमेश्वर के राज्य से बाहर कर देगा, वह लोभ है।(1)

_____  हाँ।
_____ नहीं।

11. दशमांश परमेश्वर के भंडारगृह में लाने का अर्थ (1)

_____ आत्मिक किताबें खरीदने के लिए इसका इस्तेमाल करना।
_____  इसे किसी भी आत्मिक कारण के लिए खर्च करना।
_____  इसे परमेश्वर की कलीसिया के खजाने में जमा करना है।

12. मलाकी 3:10 में परमेश्वर ने वफादारों से क्या वादा किया है? (1)

_____  वह कभी बीमार नहीं होगा।
_____  वह कभी भी अपना काम नहीं खोएगा।
_____  वह संभालन पाने से ज्यादा आशीष प्राप्त करेगा।

13. परमेश्वर ने आदम और हव्वा को फल खाने के बारे में एक परीक्षा दी। इस अध्ययन संदर्शिका के मुताबिक, वह आज अपने लोगों को इसी तरह का कौन सा परीक्षा देता है? (1)

_____  प्रतिदिन बाइबल पढ़ना।
_____ गवाही देना।
_____ दशमांश लौटना।
_____ प्रार्थना करना।

14. दशमांश देना, मूसा की व्यवस्था का हिस्सा था, जो क्रूस पर समाप्त हुआ। (1)

_____  हाँ।
_____ नहीं।

15. परमेश्वर मेरे भेंटों को कैसे मापता है? (2)

_____  मैं कितना देता हूँ।
_____  बलिदान की राशि से।
_____  जिस भावना से मैं देता हूँ।

16. ईमानदार भण्डारीपन में न केवल मेरे पैसे का उचित संचालन शामिल है, बल्कि प्रार्थना, गवाही देना, पवित्रशास्त्र का अध्ययन, और दूसरों की मदद करने जैसी गतिविधियों में मैं कितना समय लगाता हूँ।  (1)

_____ हाँ।
_____ नहीं।

17. मैं दशमांश देना शुरू करने और भेंट देने के लिए तैयार हूँ।

_____ हाँ।
_____ नहीं।