क्या यह वास्तव में सच हो सकता है - संयुक्त राज्य अमरीका बाइबल की भविष्यवाणी में हो? बिल्कुल! जब आप इसके बारे में सोचते हैं ,तो यह समझ में आता है कि पृथ्वी पर सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली राष्ट्र, दुनिया के समापन इतिहास की अंतिम आश्चर्य जनक घटनाओं में, एक महत्वपर्णू भूमिका निभाएगा। लेकिन यहाँ तक कि बहुत आश्चर्य आपकी प्रतीक्षा में हैं ,जैसे बाईबल प्रकाशित करती है कि दुनिया का अग्रणी राष्ट्र कैसे अस्तित्व में आया और क्यों! कृपया इस संदर्शिका को शरूु करने से पहले प्रकाशितवाक्य 13:11-18 पढ़िए, क्योंकि ये आठ पद आगे के दिनों में संयुक्त राज्य की भविष्यवाणी की तस्वीर देते हैं।
1. प्रकाशितवाक्य अध्याय 13 में दो विश्वशक्तियों का प्रतीक है। पहली शक्ति क्या है?
उत्तर: सात सिरों वाला पशु (प्रकाशितवाक्य 13:1-10) रोमी पोपतंत्र है। (इस विषय पर संपूर्ण अध्ययन के लिए अध्ययन संदर्शिका 15 देखें।) याद रखें कि बाइबल की
भविष्यवाणी में पशु राष्ट्रों या विश्वशक्तियों का प्रतीक हैं (दानिय्येल 7:17, 23)।
2. भविष्यवाणी के अनुसार पोपतंत्र अपनी विश्व प्रभाव और शक्ति किस वर्ष में खोने वाला था?
“बड़े बोल बोलने और निन्दा करने के लिये उसे एक मुँह दिया गया, और उसे बयालीस महीने तक काम करने का अधिकार दिया गया” (प्रकाशितवाक्य 13:5)।
उत्तर: बाइबल ने भविष्यवाणी की है कि 42 महीने के अंत में पोपतंत्र अपनी विश्व प्रभाव और शक्ति को खो देगा। यह भविष्यवाणी 1798 में पूरी हुई थी, जब नेपोलियन के जनरल बेर्थियर ने पोप को कैद कर लिया और पोपतांत्रिक शक्ति को घातक घाव मिला। (पूर्ण विवरण के लिए, अध्ययन संदर्शिका देखें 15)।
3. जब पोपतंत्र को घातक घाव हो रहा था, तो उस समय उसके आस-पास किस राष्ट्र की
भविष्यवाणी की गई थी?
“फिर मैंने एक और पशु को पृथ्वी में से निकलते हुए देखा, उसके मेम्ने के से दो सींग थे, और वह अजगर के समान बोलता था” (प्रकाशितवाक्य 13:11)।
उत्तर: पद 10 में वर्णित पोपतंत्र की कैद 1798 में हुई थी, और उस समय एक नई शक्ति (पद 11) उभरते हुए दिखाई दी। संयुक्त राज्य ने 1776 में अपनी आजादी की घोषणा की, 1787 में संविधान को वोट दिया, 1791 में अधिकारों के विधेयक को अपनाया, और स्पष्ट रूप से 1798 तक विश्व शक्ति के रूप में पहचाना गया। समय स्पष्ट रूप से अमरीका के अनुकूल है। कोई अन्य शक्ति संभवतः योग्य नहीं हो सकती है।
4. “पृथ्वी से निकलने वाले पशु” का महत्व क्या है??
उत्तर: दानिय्येल और प्रकाशितवाक्य में वर्णित अन्य राष्ट्रों के विपरित यह पानी से नहीं बल्कि “पृथ्वी से बाहर” निकलता है। हमप्रकाशितवाक्य से जानते हैं कि पानी दुनिया के उन क्षेत्रों का प्रतीक है जिन की बड़ी आबादी है। “जो पानी तू ने देखे, जिन पर वेश्या बैठी है, वे तो लोग और भीड़ और जातियां और भाषाँए हैं।” (प्रकाशितवाक्य 17:15)। इसलिए, पृथ्वी इसके विपरीत का प्रतीक है। इसका मतलब यह है कि यह नया राष्ट्र दुनिया के ऐसे क्षेत्र मेंउभरेगा जो 1700 के दशक के अंत से पहले लगभग बहुत कम अबादी में था। यह पुरानी दुनिया की भीड़ और संघर्षरत राष्ट्रों में नहीं उभर सकता था। इसे एक कम आबादी वाले महाद्वीप में उठना था।
5. इसके मेम्ने के समान दो सींगों और ताज की अनुपस्थिति का प्रतीक क्या है?
उत्तर: सींग राजाओं और साम्राज्यों या सरकारों को दर्शाते हैं (दानिय्येल 7:24; 8:21)। इस मामले में, वे संयुक्त राज्य के दो शासकीय सिद्धांतों के प्रतीक हैं: नागरिक और धार्मिक स्वतंत्रता। इन दोनों
सिद्धांतों को “गणतंत्रवाद” (राजा के बिना एक सरकार) और “प्रोटेस्टेंटिज्म” (पोप के बिना एक चर्च) भी कहा गया है। प्राचीन काल से अन्य राष्ट्रों ने लोगों को राज्य धर्म का समर्थन करने के लिए कर लगाया था। औरों ने
भी धार्मिक मतभेद वालों का दमन किया था। लेकिन संयुक्त राज्य ने कुछ नया स्थापित किया: सरकारी हस्तक्षेप के बिना आराधना करने की आजादी। मुकुटों की अनुपस्थिति राजतंत्र की बजाय सरकार के गणतंत्र
रूप को दर्शाती है। मेमने की तरह सींग एक निर्दोष, युवा, गैर- दमनकारी, शांतिप्रिय और आध्यात्मिक राष्ट्र को दर्शाते हैं। (यीशु को प्रकाशितवाक्य में 28 बार भेड़ के बच्चे के रूप में जाना जाता है।)
विशषे टिप्पणी : हम चाहते हैं कि हम संयुक्त राज्य अमरीका के यीशु के वर्णन में यहाँ रुक जाएँ - लेकिन हम नहीं रुक सकते, क्योंकि वह रुका नहीं था। आने वाली बातें आपको झटका दे सकती है। संयुक्त राज्य अमरीका एक महान देश है, जिसमें विवेक, विज्ञापन, भाषण और उद्यम की स्वतंत्रता है; इसके अवसर; उचित खेल की भावना; गरीबों के लिए सहानुभूति ; और इसका मसीही झुकाव। यह सम्पूर्ण सत्य नहीं है, लेकिन फिर भी, दुनिया भर के कई लोग हर साल उसका नागरिक बनना चाहते हैं। अफसोस की बात है, यह समृद्ध आशीषित देश भारी रूप से बदल जाएगा,परमेश्वर के लोगों के अनापेक्षित अनूठा दिल का दर्द और शोक होगा। हम इसिलिए इसका सवांद करते हैं। क्योंकि परमेश्वर का शब्द ज्ञात होना चाहिए!
उत्तर: जैसा कि आपने अध्ययन संदर्शिका 20 में सीखा है, अजगर शैतान है, जो अपने साम्राज्य को स्थापित करने, और परमेश्वर के लोगों को सता कर और नष्ट करके परमेश्वर की कलीसिया को कुचलने के लिए विभिन्न सांसारिक शक्तियों के माध्यम से काम करता है। शैतान का लक्ष्य हमेशा परमेश्वर के सिंहासन को उखाड़ फेंकना और लोगों को अपनी आराधना कराने और अपनी आज्ञा मानने के लिए मजबूर करना है। (विवरण के लिए अध्ययन संदर्शिका 2 देखें।) तो, एक अजगर के रूप में बोलने का मतलब है कि संयुक्त राज्य (शैतान के प्रभाव में) अंत में, लोगों को विवेक के विपरीत आराधना करने को मजबूर करेगा अथवा दंडित करेगा।
उत्तर: इन चार महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दें:
क. “वह उस पहले पशु का सारा अधिकार उसके काम में लाता है” (प्रकाशितवाक्य 13:12) संयुक्त राज्य अमरीका एक यातना देने वाला शक्ति बन जाएगा जो लोगों को अपने विवके के खिलाफ जाने के लिए मजबूर करेगा, जैसा कि पोपतांत्रिक रोम था - जो प्रकाशितवाक्य अध्याय 13. के पहले आधे भाग में चित्रित किया गया है।
ख. “और पृथ्वी और उसके रहनेवालों से उस पहले पशु की, जिसका प्राण-घातक घाव अच्छा हो गया था, पूजा कराता था” (प्रकाशितवाक्य 13:12)। संयुक्त राज्य अमरीका पोपतांत्रिक ख्रीष्त विरोधी के प्रति निष्ठा करने को
मजबूर करने के लिए दुनिया के राष्ट्रों का नेतृत्व करेगा। मुद्दा हमेशा आराधना का है। आप किसकी स्तुति करेंगे और किसका पालन करेंगे? आप मसीह की, जो आपका सृष्टिकर्ता और उद्धारकर्ता है या ख्रीष्ट विरोधी की उपासना
करेंगे? पृथ्वी पर हर आत्मा अंततः एक की या दूसरे की स्तुति करेगी। शैतान का दृष्टिकोण बहुत ही आध्यात्मिक
दिखाई देगा, और अविश्वसनीय चमत्कार दिखाई देंगे (प्रकाशितवाक्य 13:13, 14) - जो अरबों को धोखा देगा
(प्रकाशितवाक्य 13:3)। जो लोग इस आंदोलन में शामिल होने से इनकार करेंगे उन्हें विभाजक, जिद्दी, कट्टरपंथी
और देशद्रोही माना जाएगा। यीशु ने अंततः प्रोटेस्टेंट अमरीका को “झूठा भविष्यद्वक्ता ” के रूप चिन्हित किया
(प्रकाशितवाक्य 19:20; 20:10), क्योंकि शैतान आध्यात्मिक और भरोसेमंद दिखाई देगा, बल्कि आचरण में यह
शैतान जैसा होगा। यह सब असंभव प्रतीत हो सकता है, लेकिन यीशु के शब्द हमेशा विश्वसनीय और सत्य होते
हैं (तीतुस 1:2)। उसने एक समय में चार विश्व साम्राज्यों और ख्रीष्ट विरोधी (दनिय्येल अध्याय 2 और 7) के उदय
और पतन की भविष्यवाणी की थी, तब ऐसी भविष्यवाणियाँ विचित्र और अविश्वसनीय लगती थीं। लेकिन सभी
भविष्यवाणियाँ सही रूप में ठीक से पूरी होती गईं। भविष्यवाणी के बारे में आज हमें जो चेतावनी मिली है, “मैंने
अब इसके होने से पहले तुम से कह दिया है, कि जब वह हो जाए, तो तुम विश्वास करो” (यूहन्ना 14:29)।
ग. “वह पृथ्वी के रहनेवालों को भरमाता था और पृथ्वी के रहनेवालों से कहता था कि जिस पशु के तलवार लगी थी वह जी गया है, उसकी मूर्ति बनाओ” (प्रकाशितवाक्य 13:14)। संयुक्त राज्य अमरीका धार्मिक अभ्यास के कानून के द्वारा पशु की मूर्ति बना देगा। यह आराधना के कानूनों को पारित करेगा, और लोगों को या तो उनका पालन करने या मौत का सामना करने के लिए मजबूर करेगा। यह क्रिया पोपतंत्र के राज्य-कलीसिया सरकार का ही एक प्रतिलिपि या “स्वरूप” है, जिसने मध्य युग के दौरान अपनी शक्ति के चरम पर शासन किया था, जब लाखों लोगों को उनके विश्वास के लिए मारा गया था। संयुक्त राज्य अमरीका एक “विवाह” में नागरिक सरकार और धर्मत्यागी प्रोटेस्टेंटिज्म को जोड़ देगा जो पोपतंत्र का समर्थन करेगा। इसके बाद वह दुनिया के सभी राष्ट्रों को उनके उदाहरण का पालन करने के लिए प्रभावित करेगा। इस प्रकार, पोपतंत्र दुनिया भर में समर्थन प्राप्त करेगा।
घ. “और जितने लोग उस पशु की मूर्ति की पूजा न करें, उन्हें मरवा डाले” (प्रकाशितवाक्य 13:15)। इस अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन के प्रमुख के रूप में, संयुक्त राज्य अमरीका विश्व दुसरे के राष्ट्रों को पशु या उनकी मूर्ति की स्तुति करने से इनकार करने वालों पर, मृत्युदंड लगाने के लिए प्रभावित करेगा। इस विश्वव्यापी गठबंधन के लिए एक और
नाम “महान बाबुल” है। (अधिक जानकारी के लिए अध्ययन संदर्शिका 22 देखें।) यह विश्वव्यापी गठबंधन, मसीह के नाम पर, पवित्र आत्मा के नम्र प्रोत्साहन के स्थान पर पुलिसकर्मी की शक्ति को प्रतिस्थापित करेगा - और यह उपासना करने के लिए मजबूर करेगा।
उत्तर: विवाद के अंतिम तर्क पशु की उपासना और उसकी आज्ञा मानना और रविवार को उसके पवित्र दिन के रूप में उपासना करके उसकी मुहर प्राप्त करना या मसीह की आज्ञा मानना और पवित्र सातवें दिन के सब्त का सम्मान करके उसका मुहर प्राप्त करना। (विवरण के लिए, अध्ययन संदर्शि का देखें 20)। जब मुद्दे स्पष्ट हो जाएँगे और लोगों को सब्त तोड़ने या मरने के लिए मजबूर किया जाएगा, तो जो लोग रविवार को चुनेंगे, वे वास्तव में पशु की उपासना करेंगे। वे अपने सृष्टिकर्ता, यीशु मसीह के वचन के बजाय, एक प्राणी, एक मनुष्य के वचन का पालन करना चुनेंगे। यहाँ पोपतंत्र का अपना बयान है: “कलीसिया ने सब्त को रविवार से बदल दिया और कैथोलिक कलीसिया के जनादेशों के लिए, चुप होकर आज्ञाकारिता में उस दिन सारी दुनिया नीचे झुकती है और स्तुति करती है” (हार्टफोर्ट वीकली कॉल, 22 फरवरी, 1884)।
9. क्या सरकार वास्तव में खरीददारी और बिक्री को नियंत्रित कर सकती है?
उत्तर: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, चीनी, टायर और ईंधन जैसी वस्तुओं के लिए राशन टिकटों के जरिए खरीददारी को नियंत्रित किया गया था। इन टिकटों के बिना, पैसा बेकार था। इस कम्प्यूटरीकृत युग में, एक समान प्रणाली स्थापित करना आसान होगा। उदाहरण के लिए, जब तक आप विश्वव्यापी गठबंधन के साथ सहयोग करने के लिए सहमत नहीं होते हैं, तब तक आपके सामाजिक सुरक्षा संख्या को डेटाबेस में दर्ज किया जा सकता है, यह दर्शाता है कि आपको खरीदारी करने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। कोई भी यह नहीं जानता कि यह सब कैसे होगा, लेकिन आप सकारात्मक हो सकते हैं - ऐसा होगा क्योंकि प्रकाशितवाक्य 13:16, 17 में, परमेश्वर कहता है कि यह होगा।
दो उभरती शक्तियाँ
प्रकाशितवाक्य अध्याय 13 स्पष्ट है। अंत में दो महाशक्तियाँ उभरेंगी: संयुक्त राज्य अमरीका और पोपतंत्र। संयुक्त राज्य अमरीका पशु की शक्ति (पोपतंत्र) की स्तुति करने और उसकी मुहर प्राप्त करने या अन्यथा मौत का सामना करने के लिए दुनिया के लोगों को मजबूर करके, एक अभियान का नेतृत्व करके पोपतंत्र का समर्थन करेगा। अगले दो प्रश्न इन दो महाशक्तियों की ताकत का मूल्यांकन करेंगे।
10. पोपतंत्र आज कितना मजबूत और प्रभावशाली है?
यह तर्क संगत रूप से दुनिया में सबसे मजबूत धर्म राजनीतिक शक्ति है। वस्तुतः हर प्रमुख देश का वेटिकन में एक आधिकारिक राजदूत या राज्य प्रतिनिधि होता है। निम्नलिखित तथ्यों पर ध्यान दें:
क. 2015 में पोप फ्रांसिस की संयुक्त राज्य अमरीका की यात्रा पादरी और राजनीतिक दोनों प्रभाव थे। कार्डिनल तिमोथी डोलन ने कहा, “जितना अधिक वह प्रतिष्ठा और पोपतंत्र की शक्ति पर जोर देने की कोशिश करता है, उतना ही लोग उसे ध्यान देते हैं।” - सीबीएस इस सुबह, 22 सितंबर, 2015
ख. पोप का उद्देश्य मसीही दुनिया को एकजुट करना है। जनवरी 2014 में, फ्रांसिस ने सेंट पॉल के बसिलिका में रूढ़िवादी, एंग्लिकन, लथूरन, मेथोडिस्ट और अन्य मसीही प्रतिनिधियों के साथ एक सार्वभौमिक उपासना की अध्यक्षता की और मसीही एकता की आवश्यकता पर बल दिया। फ्रांसिस ने कहा, “कलीसिया के विभाजन को प्राकृतिक, लाजमी समझना अस्वीकार्य है, क्योंकि ‘विभाजन से मसीह का शरीर घायल होता है [और] उस गवाही को अपमानित करता है जिसे हम उसे दुनिया के सामने देने के लिए बुलाए जाते हैं।’” - कैथोलिक हेराल्ड, 27 जनवरी, 2014
ग. दुनिया भर में प्रतिक्रिया जबरदस्त रही है क्योंकि नेता शांति के लिए उनके पास जाते हैं। फ्रांसिस ने इज़राइली और फिलिस्तीनी नेताओं के साथ वेटिकन में एक प्रार्थना शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। फिर, पोप, जो लैटिन अमेरिकी के रूप में जिसकी हवाना में बहुत अधिक विश्वसनीयता थी, ने यूएस-क्यूबा के बीच के समझौते के रास्ते को आगे बढ़ाने में मदद की। - विल्विया पोगिओली, नेशनल पब्लिक रेडियो, 14 अप्रैल, 2016
घ. फ्रांसिस की 2015 की अमरीका की यात्रा ने अमेरिकी अधिकारियों से अभूतपूर्व प्रतिक्रिया प्राप्त की: राष्ट्रपति ओबामा ने पोप फ्रांसिस का व्यक्तिगत रूप से स्वागत किया जब वह अमेरिकी एयरबेस पर पहुँचे, इस निर्णय के बारे में व्हाइट हाउस ने कहा था कि यह सम्मान के उच्च स्तर का प्रतीक है जो अमेरिकियों को पोप के लिए है। फ्रांसिस की यात्रा में, अमेरिकी इतिहास में कांग्रेस के संयुक्त सत्र में किसी भी पोप द्वारा पहला भाषण भी शामिल था। - आइरिश डेली मेल, 23 सितंबर, 2015
उत्तर: संयुक्त राज्य अमरीका को दुनिया की सबसे शक्तिशाली सैन्य शक्ति और दुनिया के प्रभाव का केंद्र माना जाता है। निम्नलिखित पर ध्यान दें:
क. “शक्ति की प्रमुख श्रेणियों में, अमरीका निकट भविष्य के लिए प्रभावी रहेगा।”- इयान ब्रेमर, टाइम पत्रिका, 28 मई, 2015
ख. “आखिरकार युद्ध और शांति के बीच क्या अंतर आता है ... अच्छा इरादा, या मजबूत शब्द, या एक भव्य गठबंधन नहीं है। यह क्षमता, विश्वसनीयता और अमरीका की वैश्विक पहुँच है।” - सेनेटर यूहन्ना मैककेन, 15 नवंबर, 2014
ग. “संयुक्त राज्य अमरीका एक महत्वपूर्ण राष्ट्र बना हुआ है और रहेगा। यह बीती सदी के लिए सच है आने वाली सदी के लिए भी सच होगा।” - राष्ट्रपति बराक ओबामा, 28 मई, 2014
घ. फ्रांस के तत्कालीन विदेश मंत्री हबर्ट वेर्डिन ने पेरिस के दर्शकों से कहा कि उन्होंने “संयुक्त राज्य अमरीका को ‘हाइपरपावर’ के रूप में परिभाषित किया है ... एक ऐसा देश जो सभी श्रेणियों में प्रमुख या प्रभावी है।” - द न्यूयॉर्क टाइम्स, 5 फरवरी, 1999
यद्यपि चीन और रूस जैसे देशों से अपनी शक्ति के लिए निश्चित रूप से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, अमरीका अपनी आक्रामकता और जबरदस्त क्षमता के कारण, जरूरत पड़ने पर तेज़ी से उन शत्रुओं के सामने सेना भेजकर अपना अधिकार कायम रखता है। संयुक्त राज्य अमरीका का भविष्य का राष्ट्रपति नए वैश्विक मानकों को लागू
करने के लिए देश के प्रभाव का उपयोग करने में संकोच नहीं करता है, खासकर यदि एक कठिन वैश्विक घटना के बाद उसे विश्व शांति और स्थिरता की नींव में पदोन्नत किया जाता है।
उत्तर: हम उन्हें निश्चित रूप से नाम नहीं दे सकते हैं, लेकिन कुछ कमजोर संभावनाओं में शामिल हैं:
क. आतंकवादि यों की गतिविधि
ख. दंगे और बढ़ते अपराध और बुराई
ग. ड्रग युद्ध
घ. एक प्रमुख आर्थिक दुर्घटना
ड. महामारी
च. कट्टरपंथी राष्ट्रों के परमाणु खतरे
छ. राजनीतिक भ्रष्टाचार
ज. अदालतों द्वारा न्याय की भूमिका को क्षति
झ. सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे
ञ. बढ़ते कर
ट. अश्लील साहित्य और अन्य अनैतिकता
ठ. वैश्विक आपदाएँ
ड. क्रांतिकारी “विशेष रुचि ” समूह
आतंकवाद, कानूनहीनता, अनैतिकता, सहनशीलता , अन्याय, गरीबी, अप्रभावी राजनीतिक नेताओं के खिलाफ
प्रतिक्रिया, और कई समान विपत्तियां मजबूत, विशिष्ट कानूनों को कठोर रूप से लागू करने की मांग कर सकती हैं।
“वह बड़े-बड़े चिह्न दिखाता था, यहाँ तक कि मनुष्यों के सामने स्वर्ग से पृथ्वी पर आग बरसा देता था। उन चिह्नों के कारण, जिन्हें उस पशु के सामने दिखाने का अधिकार उसे दिया गया था, वह पृथ्वी के रहनेवालों को भरमाता था और पृथ्वी के रहनेवालों से कहता था कि जिस पशु के तलवार लगी थी वह जी गया है, उसकी मूर्ति बनाओ” (प्रकाशितवाक्य 13:13, 14)।
उत्तर: संयुक्त राज्य अमरीका एक नकली पुर्नजाग्रति का अनुभव करेगा, और जोर देगा कि धार्मिक कानूनों के द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को इसमें भाग लेने के लिए मजबूर किया जाए (प्रकाशितवाक्य 13:14 में “पशु की मूर्ति” के द्वारा दर्शाया गया है)। लोगों को परमेश्वर के पवित्र सातवें दिन के सब्त की उपेक्षा करने और पशु के “पवित्र” दिन -रविवार
को स्तुति करने के लिए मजबूर होना होगा। कुछ केवल सामाजिक या आर्थिक कारणों के लिए पालन करेंगे। विश्व की स्थिति इतनी असहनीय हो जाएगी कि दुनिया भर में “वापस परमेश्वर के पीछे” आंदोलन, रविवार को स्तुति और प्रार्थना में शामिल होना, एकमात्र समाधान के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। शैतान दुनिया को इस विश्वास में धोखा दे देगा कि उन्हें बाइबल की सच्चाई से समझौता करना चाहिए और रविवार को पवित्र रखना चाहिए। लेकिन हकीकत में, पशु की आज्ञाकारिता और स्तुति से अधिकांश लोगों को परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने से इंकार कर दिया जाएगा। कोई आश्चर्य नहीं कि यीशु ने परमेश्वर की स्तुति करने और उसकी मुहार प्राप्त करने को प्रकाशितवाक्य में मुद्दा बनाया है!
उत्तर: बाइबल कहती है कि पूरी दुनिया महिमा के साथ “प्रकाशमय हो जाएगी” (प्रकाशितवाक्य 18:1)।
धरती पर हर व्यक्ति (मरकुस 16:15) परमेश्वर के अंत-समय के साथ, प्रकाशितवाक्य 14:6-14 के तीन-सूत्रीय संदेश पर पहुँच जाएगा। परमेश्वर की अंतिम दिनों की कलीसिया, आश्चर्य जनक गति से बढ़ेगी, क्योंकि लाखों लोग परमेश्वर के लोगों से जुड़ जायेंगे और यीशु में कृपा और विश्वास से, उद्धार के प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, जो उन्हें उनके आज्ञाकारी सेवकों में बदल देती है। दुनिया के सभी देशों के कई लोग और नेता पशु की स्तुति करने से इनकार कर देंगे और न ही उनकी झूठी शिक्षाओं को गले लगाएँगे। इसके बजाय, वे यीशु की स्तुति करेंगे और उसका पालन करेंगे। तब उन्हें अपने माथे में उसके पवित्र सब्त का चिन्ह , या निशान प्राप्त होगा (प्रकाशितवाक्य 7:2, 3), इस प्रकार उन्हें अनंत काल तक चिन्हित कर दिया जायेगा। (परमेश्वर की मुहर पर अतिरिक्त जानकारी के लिए अध्ययन संदर्शिका 20 देखें।)
चक्राकार विकास नकली आंदोलन को क्रोधित करेगा:
परमेश्वर के लोगों का चक्राकार विकास नकली आंदोलन को क्रोधित करेगा। इसके नेता पूरी तरह से आश्वस्त हो जाएँगे कि जो लोग दुनिया भर में नकली पुनर्जागरण के साथ सहयोग करने से इनकार करते हैं, वे दुनिया की सभी विपत्तियों (दानिय्येल 11:44) का कारण हैं। वे उन्हें खरीदने और बेचने से मना कर देंगे (प्रकाशितवाक्य 13:16, 17), लेकिन बाइबल वादा करती है कि परमेश्वर के लोगों के लिए भोजन, पानी और सुरक्षा सुनिश्चित होगी (यशायाह 33:16; भजन संहिता 34:7)।
15.निराशा में, अमरीका के नेियेतृत्व वाला गठबंधन इसके दुश्मनों को मृत्युदंड देनेे का फैसला करेगा (प्रकाशितवाक्य 13:15)। प्रकाशितवाक्य 13:13, 14 में कहता है कि इसके नेता लोगों को यह समझाने के लिए, कि परमेश्वर उनके साथ है, क्या करेगें?
उत्तर:
क. हर एक शिक्षा की जांच बाइबल से करें (2 तीमुथियुस 2:15; प्रेरितों 17:11; यशायाह 8:20)।
ख. सत्य का पालन करें क्योंकि यीशु ने इसका खुलासा किया है। यीशु ने वादा किया था कि जो लोग वास्तव में उसका पालन करना चाहते हैं वे कभी भी गलती में नहीं पड़ेंगे (यूहन्ना 7:17)।
ग. रोज़ाना यीशु के करीब रहें (यूहन्ना 15:5)।
स्मरणपत्र: तीन स्वर्गदूतों के संदेशों की श्रृंखला में यह नौ में से छठी अध्ययन संदर्शिका है। अगली अध्ययन संदर्शिका बताएगी कि दुनिया भर में मसीही चर्च और अन्य धर्म कैसे अंत समय की घटनाओं से संबंधित होंगे।
आपका उत्तर:
आपके प्रश्नों के उत्तर
1. यह उचित नहीं लगता है कि, अंतिम संकट में, जिन लोगों ने कभी परमेश्वर की सच्चाई नहीं सुनी है, वे निर्दोष रूप से नकली को चुनेंगे और इस तरह खो जाएँगे।
उत्तर: किसी का भी आज के लिए परमेश्वर का महत्वपूर्ण तीन-सूत्रीय संदेश (प्रकाशितवाक्य 14:6-12) की पूर्व जानकारी के बिना (मरकुस 16:15) और इसे समझे बिना (यूहन्ना 1:9) इस संकट का समाना नहीं करना पड़ेगा। लोग पशु की मुहर को सिर्फ इसलिए चुनेंगे क्योंकि वे यीशु को चुनने की कीमत नहीं चुकाना चाहते है।
2. प्रकाशितवाक्य 16:12-16 में हर-मगिदोन के युद्ध के बारे में क्या बताया गया है? यह कब और कहाँ लड़ा जाएगा?
उत्तर: हर-मगिदोन की लड़ाई मसीह और शैतान के बीच अंतिम लड़ाई है। यह धरती पर लड़ा जाएगा और समय के अंत से पहले ही शुरू होगा। यीशु के दूसरे आगमन से यह लड़ाई बाधित होगी। यह 1000 साल बाद फिर से शुरू होगा, जब दुष्ट पवित्र नगर को घेर कर जीतने की आशा के साथ एकत्रित होंगे। जब दुष्टों पर स्वर्ग से आग बरसाई जाएगी और उन्हें नष्ट कर देगी, तब यह समाप्त होगा (प्रकाशितवाक्य 20:9)। (अध्ययन संदर्शिका 12 में 1,000 साल विस्तार से बताया गया है।)
“हर-मगिदोन” शब्द का क्या अर्थ है?
हर-मगिदोन, मसीह और शैतान के बीच “सर्वशक्तिमान परमेश्वर के उस बड़े दिन की लड़ाई” का नाम है जिसमें दुनिया के सभी राष्ट्र शामिल होंगे (प्रकाशितवाक्य 16:12-16, 19)। “पूर्व से राजा” परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र हैं। बाइबल में “पूर्व” परमेश्वर के स्वर्गीय साम्राज्य का प्रतीक है (प्रकाशितवाक्य 7:2; यहेज्केल 43:2; मत्ती 24:27)। यीशु, मेमने और उसके लोगों के खिलाफ लड़ने के लिए (प्रकाशितवाक्य 17:14; 19:19) इस अंतिम लड़ाई में, वास्तव में पूरी दुनिया एकजुट होगी (प्रकाशितवाक्य 16:14)। उनका लक्ष्य उन सभी को मिटा देना होगा जो पशु की स्तुति करने से इनकार करते हैं (प्रकाशितवाक्य 13:15-17)।
भ्रम के परिणामस्वरूप अस्वीकृति
लोग जो परमेश्वर के संदेश को भले ही जानते हैं, और मानते हैं कि यह सच है, परन्तु फिर भी स्वीकार करने से इनकार करेंगे, वे शैतान के भ्रम के परिणामस्वरूप, झूठ पर विश्वास करने के लिए दृढ़ हो जायेंगे (2 थिस्सलुनीकियों 2:10-12)। वे विश्वास करना शुरू कर देंगे कि वे प्रभु के लोगों को नष्ट करने का प्रयास करते समय परमेश्वर के राज्य को कायम रखते हैं। वे संतों को निराशाजनक रूप से धोखा खाए कट्टरपन्थी समझेंगे जो पूरी दुनिया को नकली पुनर्जागरण में सहयोग करने से इनकार करते हुए, पूरी दुनिया को बर्बाद कर रहे हैं।
यीशु का दूसरा आगमन युद्ध को रोकेगा
युद्ध विश्वव्यापी होगा। सरकारें परमश्वेर के लोगों को नष्ट करने की कोशिश करेंगी, लेकिन परमश्वेर हस्तक्षेप करेंगे।प्रतीकात्मक नदी फरात सूख जाएगी (प्रकाशितवाक्य 16:12)। पानी लोगों का प्रतीक है (प्रकाशितवाक्य 17:15)। फरात नदी के सूखने का मतलब है कि जो लोग पशु (शैतान का साम्राज्य) का समर्थन कर रहे हेगें, वे अचानक अपना समर्थन वापस ले लेंगे। इस प्रकार पशु का समर्थन सूख जाएगा। सहयोगियों का गठबंधन (प्रकाशितवाक्य 16:13, 14) अलग-थलग हो जाएगा (प्रकाशितवाक्य 16:19)। यीशु का दूसरा आगमन इस युद्ध को रोक देगा और उसके लोगों को बचाएगा (प्रकाशितवाक्य 6:14-17; 16:18-21; 19:11-20)।
1000 साल बाद लड़ाई फिर से शुरू हो जाएगी,
1000 साल बाद शैतान परमेश्वर और उसके लोगों के विरुद्ध दुष्ट सेनाओं के नेता के रूप में खुले में आ जाएगा। वह युद्ध फिर से शुरू करेगा और पवित्र नगर पर कब्जा करने की कोशिश करेगा। तब वह और उसके अनुयायियों को स्वर्ग की आग से नष्ट कर दिया जाएगा (अध्ययन संदर्शिकाएं 11 और 12 देखें)। हालांकि, यीशु का हर अनुयायी उसके
अनन्त साम्राज्य में सुरक्षित रहेगा।
3. बाइबल कहती है, “वह समय आता है, कि जो कोई तुम्हें मार डालेगा वह समझेगा कि मैं परमेश्वर की सेवा करता हूँ” (यूहन्ना 16:2)। क्या यह संभव है कि यह हमारे समय में सचमुच पूरा हो जाएगा?
उत्तर: हाँ। विश्व सरकारों और धर्मों के अंत-समय के गठबंधन अंततः परमश्वेर के लोगों के लिए सभी सहानुभूति खो देंगे, जो नकली पुनर्जा गरण में शामिल होने से इंकार करते हैं, या रविवार की उपसना को नहीं अपनाते हैं। वे महसूस करेंगे कि उनके पुनर्जागरण के साथ चमत्कार इसकी वैधता को प्रमाणित करती है, जैसे बीमार ठीक होने लगेंगे या परमश्वेर से घृणा करने वाली, कुख्यात अनतिै क हस्तियां, और जाने- माने अपराधियों भी परिवर्तित होने लगेगें ।गठबंधन जोर देकर कहेंगे कि इस दुनिया के पुनर्जा गरण को बर्बा द करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रत्येक व्यक्ति से व्यक्तिगत भावनाओं और “कट्टरपंथी शिक्षाओं” (उदाहरण के लिए, सब्त) को छोड़ कर शांति और भाईचारे के
पुनर्जागरण में, शेष दुनिया के साथ जुड़ने का आग्रह किया जाएगा। जो लोग सहयोग करने के लिए सहमत नहीं होंगे उन्हें असभ्य, देशद्रोही, अव्यवस्यता और अंततः खतरनाक कट्टरपंथी माना जाएगा जिन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। उस दिन में, जो लोग परमेश्वर के लोगों को मारेंगे वे कहेंगे कि वे परमेश्वर पर एहसान कर रहें हैं।
4. जैसा कि हम दानिय्येल और प्रकाशितवाक्य की भविष्यवाणियों का अध्ययन करते हैं, ऐसा लगता है कि असली दुश्मन हमेशा शैतान है। क्या ये सच है?
उत्तर: बिल्कुल! शैतान हमेशा असली दुश्मन रहा है। शैतान पृथ्वी के नेताओं और राष्ट्रों के माध्यम से परमेश्वर के लोगों को चोट पहुंचाने के लिए काम करता है, और इस तरह यीशु और पिता को हृदय का कष्ट देता है। शैतान सभी बुराइयों के लिए जिम्मेदार है। चलिए उसे दोष दें, और सावधान रहें कि हम उन लोगों या संगठनों का न्याय कैसे करते
हैं, जो परमेश्वर के लोगों और कलीसिया को चोट पहुँचाते हैं। वे कभी-कभी पूरी तरह से अनजान होते हैं कि वे किसी को नुकसान पहुँचा रहे हैं। लेकिन यह शैतान के बारे में कभी सच नहीं है। वह हमेशा पूरी तरह से जागरूक है। वह जानबूझकर परमेश्वर और उसके लोगों को कष्ट देता है।
5. पोप की मृत्यु या नए राष्ट्रपति का चुनाव प्रकाशितवाक्य 13:11-18 में संयुक्त राज्य की भविष्यवाणी को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर: भविष्यवाणी पूरी हो जाएगी चाहे कोई भी पोप या राष्ट्रपति क्यों न हो। एक नया राष्ट्रपति या पोप अस्थायी रूप से गति को पूरा कर सकता है या धीमा कर सकता है, लेकिन अंतिम परिणाम का आश्वासन बाइबल की भविष्यवाणी से दिया जाता है।
6. क्या प्रकाशितवाक्य 13:11-18 मेमने के जैसा सींगों वाला पशु और प्रकाशितवाक्य 16:13 का झूठा भविष्यवक्ता एक ही शक्ति है?
उत्तर: हाँ। प्रकाशितवाक्य 19:20 में, जहाँ परमश्वेर मसीह के विरोधी पशु के विनाश का उल्लेख है, वहीं झूठे नबी के विनाश को भी दर्शाता है। इस गद्यांश में, परमेश्वर झूठे भविष्यद्वक्ता को, उस शक्ति के रूप में पहचानता है जिसने पशु के सामने “चिन्ह दिए” और “उन लोगों को धोखा दिया जिन्होंने पशु की मुहर को प्राप्त किया और जिन्होंने उसकी मूर्ति की उपासना की।” यह मेमने के सींगों वाले पशु की गतिविधियों के सन्दर्भ में स्पष्ट है - जिसे प्रकाशितवाक्य 13:11-18 में वर्णित किया गया है। इस अध्ययन संदर्शिका में हमने मेमने के रूप में, संयुक्त राज्य अमरीका को पहचाना है। तो मेमने के सींगो वाला पशु और झूठा भविष्यद्वक्ता वास्तव में एक ही शक्ति है।
सारांश पत्र
1. संयुक्त राज्य अमरीका का बाइबल भविष्यवाणी में प्रतीक है (1)
_____ लाल, सफेद, और नीले कपड़े वाले एक आदमी।
_____ पीठ पर कंप्यूटर वाला एक उक़ाब।
_____ एक पशु जिसका मेमने के समान दो सींग है।
2. दो सींग क्या दर्शाते हैं? (1)
_____ धन और सैन्य शक्ति।
_____ बेंजामिन फ्रैंकलिन और जॉर्ज वाशिंगटन।
_____ नागरिक और धार्मिक स्वतंत्रता।
3. “पृथ्वी से बाहर आने” का क्या अर्थ है? (1)
_____ अमेरिकियों को देहाती जीवन से प्रेम होगा।
_____ यह नया देश एक छोटी आबादी वाले क्षेत्र में उभरेगा।
_____ कि कुछ शुरुआती अमरीकी गुफा निवासी होंगे।
4. इस भविष्यवाणी में, मेमने की तरह सींग का मतलब है कि अमरीका (1)
_____ शर्मीली और बाधित हो।
_____ भेड़ पालने वाला देशा होगा।
_____ एक शांतिप्रिय, आध्यात्मिक राष्ट्र के रूप में उभरेगा।
5.अमरीका के उठने के समय के बारे में प्रकाशितवाक्य अध्याय 13 की भविष्यवाणी क्यी संकेत देती है? ( (1)
_____ 1492.
_____ 1798.
_____ 1620.
6. प्रकाशितवाक्य अध्याय 13 संकेत करता है कि अंत में अमरीका “एक अजगर के रूप में” बोलेगा। इसका क्या मतलब है? (1)
_____ उसके लोग गुस्सैल होंगे और समझने में कठोर होंगे।
_____ वह आग बरसाने वाले विनाशी हथियारों का उपयोग करेगा।
_____ वह लोगों को उनके विवेक के विपरित उपासना करने के लिए मजबूर करेगा अन्यथा उन्हें मृत्युदण्ड देगा।
7. परमेश्वर का निशान, चिन्ह , या शक्ति का प्रतीक है (1)
_____ एक मेमना।
_____ सब्त, परमेश्वर का पवित्र दिन ।
_____ एक दो सींग वाला पशु।
8. अमरीका “पशु की मूर्ति” कैसे बनायेगा? (1)
_____ पशु की कई तस्वीरें बनाकर और बेचकर।
_____ वाशिंगटन, डीसी में प्रदर्शित करने के लिए पशु की मूर्ति बनाकर
_____ एक कलीसिय-राज्य संयोजन (जैसा पोपतंत्र अपनी शक्ति की चरम पर था) बनाकर धार्मिक मान्यताओं को लेकर कानून बनायेगा।
9. प्रकाशितवाक्य 13:15-17 के अनुसार उन लगों को क्या दंड दिया जाएगा जो पशु की मुहर पाने से इनकार करेंगे?(2)
_____ खरीदने या बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
_____ उन्हें अंतरिक्ष में निष्कासित कर दिया जाएगा।
_____ मौत की सज़ा दी जाएगी।.
_____ पशु से व्यक्तिगत रूप माफी माँगने के लिए मजबूर किया गया।
10. अंत में कौन सी दो सांसारिक शक्तियों का सबसे अधिक प्रभाव होगा? (2)
_____ पुनर्जागरित यूरोप।
_____ जापान
_____ चीन।
_____ संयुक्त राज्य अमरीका।
_____ पोपतंत्र।
11. हर-मगिदोन की लड़ाई के बारे में कौन सी बातें सच है? (6)
_____ यह पृथ्वी की आखिरी लड़ाई होगी।
_____ ‘पूर्व के राजा’ जापान और चीन हैं।
_____ युद्ध में पशु का लक्ष्य परमेश्वर के लोगों को नष्ट करना है।
_____ यह विश्वव्यापी होगा।
_____ यह यीशु के दूसरे आगमन से पहले शुरू होगा। 1000 साल के अंत में, दुष्ट जब पवित्र नगर को चारों ओर घेरेंगे, तब समाप्त होगा।
_____ हर-मगिदोन मसीह और ख्रीष्ट विरोधी मसीह / शैतान के बीच अंतिम लड़ाई के लिए प्रतीकात्मक नाम है।
_____ फरात को सुखाने का अर्थ है पशु, या ख्रीष्ट विरोधी, अंत में अपने अधिकांश अनुयायियों का समर्थन खो देंगे।
_____ यह केवल फिलिस्तीन में लड़ा जाएगा।
12.परमेश्वर का अंत-समय का सच्चा पुनर्जागरण कितना सफल होगा? (2)
_____ पूरी दुनिया परिवर्तित हो जाएगी।
_____ पृथ्वी का हर व्यक्ति संदेश सुनेगा।
_____ लाखों लोग इसे स्वीकार करेंगे।
_____ यह सफल नहीं होगा। शैतान इसे रोक देगा।
13.अंत-समय का नकली आंदोलन कितना सफल होगा? (1)
_____ कई देश इसका समर्थन नहीं करेंगे।
_____ यह केवल अमरीका और यूरोप में सफल होगा।
_____ पृथ्वी का हर व्यक्ति - परमेश्वर के अंत-समय के लोगों को छोड़कर - इसमें शामिल होगा और इसका समर्थन करेगा।
14.क्या आप यीशु के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं, भले ही यह दर्दनाक हो? (1)
_____ हाँ।
_____ नहीं