ख्रीष्त विरोधी कौन …. या क्या ….. है? दुष्ट गठबंधन-या कपटी व्यक्ति? कुछ कहते हैं कि उसकी उपस्थिति अभी भी भविष्य में है। दूसरों का कहना है कि वह प्राचीन रोम के दिनों में बहुत पहले दिखाई दिया था। लेकिन बाइबल संकेत करती है कि वह आज जीवित है! बाइबल की भविष्यवाणियाँ सिखाती हैं कि यह विरोधी शक्ति पृथ्वी के इतिहास की अंतिम घटनाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। क्या आप जानते हैं कि वह कौन है? क्या आपको यकीन है? आपको यह समझने की जरूरत है, क्योंकि आप इस दुष्ट शक्ति को समझे बिना अंतिम दिन की घटनाओं को समझ नहीं सकते हैं। अभी तक के सबसे दिलचस्प अध्ययन संदर्शिकाओं में से एक के लिए तैयार हो जाए!
यह अध्ययन संदर्शिका दानिय्येल की पुस्तक के अध्याय 7 पर आधारित है और स्पष्ट रूप से और बिना त्रुटि के ख्रीष्ट विरोधी को पहचानती है। लेकिन यह केवल एक परिचय है। भविष्य के पाठों में कुछ गतिविधियों का विवरण प्रकट होगा जो विश्वव्यापी प्रभाव डालेंगे। आप आज जो सीखेंगे वह आपको नाराज या दुखी कर सकता है, परन्तु याद रखें कि दानिय्येल 7 की भविष्यवाणी यीशु से आती है, जो आपसे प्रेम करता है। इस अत्यन्त महत्वपूर्ण विषय का खोज करने के लिए परमेश्वर के मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करें। इस पाठ का अध्ययन करने से पहले दानिय्येल 7 को पढ़ना सुनिश्चित करें।
1. अध्याय 7 के शुरुआत में दानिय्येल समुद्र से चार पशुओं को निकलते देखता है। भविष्यवाणी में, पशु किसका प्रतीक है? समुद्र किसका प्रतीक है?
“उस चौथे जन्तु का अर्थ, एक चौथा राज्य है” (दानिय्येल 7:23)। “पानी ... तो लोग और भीड़ और जातियाँ और भाषाएँ हैं” (प्रकाशितवाक्य 17:15)।
उत्तर: पशु राज्य या राष्ट्र का प्रतीक है। पानी भीड़ या बड़ी संख्या में लोगों का प्रतीक है।
2. दानिय्येल 7 के चार पशु चार सम्राज्यों के दर्शाते हैं (पद 17,18)। बाबुल, पहला साम्राज्य (दानिय्येल 2:38, 39), दानिय्येल 7:4 में सिंह के रूप दर्शाया गया है। (यिर्मयाह 4:7; 50:17, 43, 44 देखिए।) “उकाब के से पंख” का क्या अर्थ है? पद 2 की “चारों ओर आँधी” क्या दर्शाती हैं?
“यहोवा तेरे विरुद्ध ... उकाब सी एक जाति को चढ़ा लाएगा” (व्यवस्थाविवरण 28:49)। “सेनाओं का यहोवायों कहता है: ... बड़ी आँधी पृथ्वी की छोर से उठेगी! उस समय यहोवा के मारे हुओं के शव पृथ्वी के एक छोर से दूसरे छोर तक पड़े रहेंगे” (यिर्मयाह 25:32, 33)।
उत्तर: उकाब के पंख गति को दर्शाते हैं। (यिर्मयाह 4:13 भी देखें; हबक्कूक 1:6-8) आँधियाँ संघर्ष, विद्रोह और विनाश को दर्शाती हैं। (प्रकाशितवाक्य 7:1-3 भी देखें।)
3. रीछ किस राज्य का प्रतिनिधित्व करता है (दानिय्येल 7:5)? उसके मुँह की तीन पसलियाँ किसके प्रतीक हैं?
उत्तर: दानिय्येल 8 पढ़ें। ध्यान दें कि अध्याय 8 के पशुओं के समानांतर अध्याय 7 में हैं। दानिय्येल 8:20 विशेष रूप से मादी-फारस को उस राज्य के रूप में नामित करता है जो बकरे से पहले आता है जो पद 21 में यूनान है। मादी-फारस दूसरा साम्राज्य है जो दानिय्येल 7 के रीछ जैसा समर्थी है। यह साम्राज्य लोगों के दो समूहों से बना था। मादी पहले आया (दानिय्येल 7:5 में रीछ का एक तरफ उठने से दर्शाया गया है), परन्तु फारसी अंततः मजबूत हो गए (दानिय्येल 8:3 में मेंढे का दूसरा सींग इसका प्रतीक है जो “ऊँचा” हो गया)। तीन पसलियाँ उन तीन शक्तियों का प्रतीक है जिनपर मादी फारस ने विजय प्राप्त किया: लिडिया, बाबुल और मिस्र।
4. यूनान, तीसरा साम्राज्य (दानि य्येल 8:21), चीते के द्वारा जिसके चार पंख और चार सिर (दानिय्येल 7:6) दर्शाता है। पंख किसका प्रतीक है? चार सिर किसे दर्शाते हैं?
उत्तर: चार पंख (दो के बजाए, जैसे के सिंह थे) अविश्वसनीय गति को दर्शाते हैं जिससे सिकंदर ने उस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की (यिर्मयाह 4:11-13)। चार सिर उन चार साम्राज्यों को दर्शाते हैं जिसमें सिकंदर महान के साम्राज्य को उनकी मृत्यु के बाद विभाजित किया गया था। इन क्षेत्रों का नेतृत्व करने वाले चार जनरलों में कैसेंडर, लिसिमाकुस, टॉल्मी और सेलेकस थे।
5. रोमी साम्राज्य, चौथे राज्य, एक शक्तिशाली भयानक जन्तु के द्वारा जिसके लोहे के दांत और 10 सींग (दानिय्येल 7:7) दर्शाता है। सींग क्या दर्शाते हैं?
उत्तर: 10 सींग 10 राजाओं या साम्राज्यों को दर्शाते हैं जिसमें अंततः मूर्तिपूजक रोम विभाजित हो गया था (दानिय्येल 7:24)। (ये 10 साम्राज्य दानिय्येल 2:41-44 में वर्णित मूर्ति की 10 उंगलियो के समान हैं।) घुसपैठ करने वाले बर्बर जातियों ने रोमी साम्राज्य पर कब्जा किया और अपने लोगों के लिए जमीन छीन ली। उन 10 जातियों में से सात ही आधुनिक पश्चिमी यूरोप के देशों में विकसित हुए, जबकि तीन “उखाड़ फेंक दिए गए” और नष्ट हो गए। अगला खंड उन साम्राज्यों पर चर्चा करेगा जो उखाड़े गए थे।
10 साम्राज्य जिसमें मूर्तिपूजक रोम विभाजित हुआ
विसिगोथ स्पेन
एंग्लो -सैक्सन इंग्लैंड
फ्रैंक्स फ्रांस
एलिमानी जर्मनी
बुर्गेन्डियन्स स्विट्जरलैंड
लोम्बर्ड्स इटली
स्योवी पुर्तगाल
हेरुली उखाड़ा गया
ओस्ट्रोगोट्स उखाड़ा गया
वेन्डल्स उखाड़ा गया
6. दानिय्येल 7 की भविष्यवाणी में, आगे क्या होता है?
“मैं उन सींगों को ध्यान से देख रहा था तो क्या देखा कि उनके बीच एक और छोटा सा सींग निकला, और उसके बल से उन पहले सींगों में से तीन उखाड़े गए; फिर मैं ने देखा कि इस सींग में मनुष्य की सी आँखें, और बड़ा बोल बोलनेवाला मुँह भी है” (दानिय्येल 7:8)।
उत्तर: इसके बाद “छोटे सींग” वाली शक्ति दिखाई देती है। हमें इसे सावधानी से पहचानना चाहिए क्योंकि बाइबल में दिए गए इसके अभिलक्षण, भविष्यवाणी और इतिहास में इसे ख्रीस्त विरोधी के रूप में पहचानती है। इस पहचान में कोई गलती नहीं होनी चाहिए।
7. क्या बाइबल ख्रीष्ट विरोधी की पहचान करने में स्पष्ट तर्क देती है?
हाँ। परमेश्वर का वचन हमें दानिय्येल 7 में ख्रीस्त विरोधी के नौ विशेषताएँ बताती है ताकि हम उसकी पहचान के बारे में निश्चित हो सकें । और भले ही कुछ लोग इन सच्चाई को दुखदाई पाते हैं, इसे उसकी इच्छा के रूप में स्वीकार करने के लिए ईमानदार होना चाहिए। अब इन नौ तर्कों की खोज करते हैं।
उत्तर:
क. छोटा सींग “उन में से” निकला - वह, उन दस सींगो में से था जो पश्चिमी यूरोप के साम्राज्य थे। (दानिय्येल 7:8)। इसका अर्थ है वह राज्य पश्चिमी यूरोप का ही एक छोटा सा राज्य होगा।
ख. उसके सिर पर एक मनुष्य होगा जो इसके लिए बातें करता है (दानिय्येल 7:8)।
ग. यह तीन राज्यों को बाहर खिंचेग या उखाड़ फेंक देगा (दानिय्येल 7:8)।
घ. यह अन्य 10 राज्यों (दानिय्येल 7:24) से अलग होगा।
ङ. यह संतों के साथ युद्ध करेगा और उन्हें प्रताड़ित करेगा (दानिय्येल 7:21, 25)।
च. यह चौथा राज्य, मूर्तिपूजक रोमी साम्राज्य से उभरेगा है (दानिय्येल 7:7, 8)।
छ. परमेश्वर के लोग (संत) “साढ़े तीन काल” (दानिय्येल 7:25) के लिए “उसके वश में कर दिए जाएँगे”।
ज. यह “परमप्रधान के विरुद्ध बातें कहेगा” या परमेश्वर की निंदा करेगा (दानिय्येल 7:25)।प्रकाशितवाक्य 13:5 में बाइबल कहती है कि यही शक्ति जो “बड़े बोल बोलती और निन्दा ” करती है।
झ. वह “समयों और व्यवस्था के बदल देने की आशा करेगा” (दानिय्येल 7:25)।
न भूलें- कि ये सभी पहचान तर्क सीधे बाइबल से आते हैं। वे कोई मानव राय या अटकलें नहीं हैं। इतिहासकार आपको तुरंत बता सकते हैं कि किस शक्ति का वर्णन किया जा रहा है, क्योंकि ये तर्क केवल एक शक्ति की ओर ईशारा करते हैं – पोपतंत्र (पेपसी)। लेकिन निश्चित होने के लिए, आइए हम सभी नौ तर्कों को एक-एक करके सावधानी से परखें। संदेह के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी जानी चाहिए।
8. क्या पोपतंत्र इन तर्कों पर सटीक बैठता है?
क. यह पश्चिमी यूरोप के 10 राज्यों के बीच आया था। पोपतंत्र का भौगोलिक स्थान रोम, इटली में है-पश्चिमी यूरोप के बीच में।
ख. उसका मुख्य एक मनुष्य होगा जो इसके लिए बोलता है। पोपतंत्र पहचान के इस चिन्ह को पूरा करती है क्योंकि इसका मुख्य एक मनुष्य होता है – जो पोप है – जो इसकी ओर से बोलता है।
ग. पोपतंत्र के उदय के लिए रास्ता बनाने के लिए तीन राज्यों को नष्ट कर दिया गया। पश्चिमी यूरोप के सम्राट बड़े पैमाने पर कैथोलिक थे और पोपतंत्र का समर्थन करते थे। हालांकि , तीन अरियन राज्य–वंडल, हेरुली और ओस्ट्रोगोथ पोपतंत्र का समर्थन नहीं करते थे। इसलिए कैथोलिक सम्राटों ने फैसला किया कि उन्हें उनके अधीन कर दिया जाना चाहिए या नष्ट कर दिया जाना चाहिए। धर्म विज्ञान और इतिहासकार डॉ. मर्विन मैक्सवेल ने अपनी पुस्तक ‘गॉड केयर्स’ के वॉल्यूम 1, पृष्ठ 129 में इसके परिणामों का वर्णन इस प्रकार कि या: “कैथोलिक सम्राट जेनो (474-491) ने 487 में ओस्ट्रो गोथ्स
के साथ एक संधि की व्यवस्था की, जिसके परिणामस्वरूप, 493 में अरियन हेरुल के साम्राज्य का बर्बादी हुई। और कैथोलिक सम्राट जस्टिनियन (527-565) ने 534 में अरियन वंडल को खत्म कर दिया और 538 में एरियन ओस्ट्रो गोथ की शक्ति को खत्म कर दिया। इस प्रकार दानिय्येल के तीन सींग-हेरुल, वंडल, और ओस्ट्रो गोथ को जड़ से उखाड़ दिया गया।’” यह पहचानना मुश्किल नहीं है कि पोपतंत्र इस तर्क पर सटी क बैठता है।
घ. यह अन्य राज्यों से अलग होगा। पोपतंत्र स्पष्ट रूप से इस वर्णन में सटीक बैठती है, क्योंकि यह एक धार्मिक शक्ति के रूप में दृश्य में आई थी तथा अन्य 10 साम्राज्यों की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति से अलग थी ।
ङ. यह संतों के साथ युद्ध करेगी और उन्हें प्रताड़ित करेगी।
यह एक प्रसिद्ध तथ्य है कि उस कलीसिया ने प्रताड़ित किया था, और पोपतंत्र यह स्वीकार भी करती है। इतिहासकारों का मानना है कि उस कलीसिया ने धार्मिक विश्वास के मामलों पर 5 करोड़ लोगों का नाश किया। हम यहाँ दो स्रोतों से उद्धरण दे रहे हैं:
1. “रोम के चर्च ने मानव जाति के बीच मौजूद किसी भी अन्य संस्थान की तुलना में अधिक निर्दोष खून बहाया है, किसी भी प्रोटेस्टेंट द्वारा, जिसके पास इतिहास का सक्षम ज्ञान है, सवाल नहीं किया जाएगा।”
2. द हिस्ट्री ऑफ दी इनक्विजिशन ऑफ स्पेन में डी. इवान एं टोनियो लोरेनटे इन आंकड़ों को अकेले स्पेनिश जांच से प्रदान करते हैं: “31,912 लोगों को दोषी ठहराया गया और उन्हें आग में जलाया गया,” और 241,450 को दोषी ठहराकर उन्हें प्रायश्चित के लिए गम्भीर यतनाएँ दी गई।
परवाह और चिंता के शब्द:
किसी को भी यह नहीं सोचना चाहिए कि हम छोटे सींग की शक्ति की पहचान करके साथी मसीहियों पर हमला कर रहे हैं, कृपया ध्यान रखें कि भविष्यवाणी एक प्रणाली के लिए है, न कि व्यक्तियों के लिए। कैथोलिक विश्वास सहित सभी चर्चों में ईमानदार, भक्त मसीही हैं। दानिय्येल 7 एक बड़े विधर्मी संस्थान पर न्याय और सुधार का संदेश है जिसने मूर्तिपूजा के साथ समझौता किया है, जैसा कि कई अन्य चर्चों ने भी कि या है।
भविष्यवाणी सभी विश्वासों के दोष बताती है
अन्य भविष्यवाणियाँ प्रोटेस्टटें और यहूदी धर्मों के दोषों को संकेत करती हैं। परमेश्वर के सच्चे लोग सभी धर्मों में हैं। उनके सच्चे लोग (चाहे उनका विश्वास जो भी हो) हमेशा नम्रता से परमेश्वर के सुधार को स्वीकार करेंगे और उनके खिलाफ कान और दिल बंद नहीं करेंगे। हमें आभारी होना चाहिए कि परमेश्वर का वचन हर विषय पर निष्पक्ष ईमानदारी से बात करता है।
च. यह चौथे लोहे के राज्य-मूर्ति पूजक रोमी राज्य से उभरेगा है। हम इस तर्क पर दो अधिकारों से विवरण देते हैं:
1. “शक्तिशाली कैथोलिक कलीसिया रोमी साम्राज्य से थोड़ी ही अलग थी । ... पुराने रोमी साम्राज्य की राजधानी मसीही साम्राज्य की राजधानी बन गई। पोंटी फेक्स मैक्सिमस का कार्यालय पोप का कार्यालय बन गया।”
2. “बर्बर एवं अरियाँ लोगों के द्वारा जिन रोमी तत्वों को छोड़ दिया गया था,वे सब रोम के बिशप के अधिकार के अंतर्गत आ गए, जो एक बहुत ही प्रभावशाली व्यक्ति था। रोमी कलीसिया ने स्वयं को रोमी-विश्व साम्राज्य के स्थान पर स्थापित कर लिया जिसकी वह वास्तव में निरंतरता थी ।”
छ. परमेश्वर के लोग (संत) “साढ़े तीन काल तक” “उसके वश में कर दिए जाएँगे” कई चीजों को यहाँ स्पष्टी करण की आवश्य कता है:
1. एक काल एक वर्ष है, कालें दो वर्ष है, और आधा काल एक वर्ष का आधा है। हिन्दी ओ. वी . बाइबल इसका अनुवाद इस प्रकार करती है: “साढ़े तीन काल।”
2. इसी काल की अवधि का उल्लेख दानिय्येल और प्रकाशितवाक्य की किताबों में सात बार किया गया है (दानिय्येल 7:25; 12:7; प्रकाशितवाक्य 11:2, 3; 12:6, 14; 13:5): तीन बार साढ़े तीन साल रूप में; 42 महीने के रूप में दो बार; और 1,260 दिनों के रूप में दो बार। यहूदियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले 30-दिन के कैलेंडर के आधार पर, ये बराबर समय अवधि के हैं: 3½ वर्ष = 42 महीने = 1,260 दि न।
3. भविष्यवाणी का एक दि न एक शाब्दिक वर्ष के बराबर होता है (यहेजकेल 4:6; गिनती 14:34)।
4. इस प्रकार भविष्यवाणी के 1,260 दिन यानी 1,260 वर्ष तक के लिए संत छोटे सींग (ख्रीष्ट विरोधी) के वश में थे।
5. पोपतंत्र का शासन 538 ई. में शुरू हुआ, जब तीन विरोधी अरियन साम्राज्यों में से अंतिम को खत्म कर दिया गया था। 1798 तक इसका शासन जारी रहा जब नेपोलियन के जनरल, बर्थियर ने पोप पाइस VI और पोपतंत्र की राजनीतिक शक्ति को नष्ट करने की आशा के साथ पोप को बंदी बना लिया। इस अवधि का समय 1,260 साल की भविष्यवाणी की सटीक पूर्ति है। यह पोपतंत्र के लिए एक घातक झटका था, परन्तु घाव ठीक हो गया और आज भी उसका उपचार जारी है।
6. मत्ती 24:21 में अत्याचार की इसी अवधि का उल्लेख किया गया है। परमेश्वर के लोगों के लिए यह यातना का सबसे बुरा समय था। पद 22 हमें बताता है कि यह इतना विनाशकारी था कि अगर परमेश्वर ने इस अवधि को कम नहीं किया होता तो एक भी आत्मा बच नहीं पाती । परन्तु परमेश्वर ने इस अवधि को कम कर दिया। 1798 में पोप को कैद में ले जाने से पहले अत्याचार समाप्त हो गए थे। यह स्पष्ट है कि इस तर्क पर, पोपतंत्र सटीक बैठता है।
भविष्यवाणी का समय:
काल = 1 वर्ष
कालें = 2 साल
½ काल = ½ वर्ष
ज. यह “परमप्रधान के विरुद्ध बातें कहेगा”। पवित्रशास्त्र में परमप्रधान के विरुद्ध बातें कहने की दो परिभाषाएँ हैं:
1. पापों को क्षमा करने का दावा करना (लुका 5:21)।
2. परमेश्वर होने का दावा करना (यूहन्ना 10:33)।
क्या इस तर्क पर पोपतंत्र सटीक बठैता है? हाँ। आइए सबसे पहले उसके द्वारा पापों को क्षमा करने के दावा के साक्ष्य देखें, जो उसी के लेखों से लिये गए है: “क्या पादरी वास्तव में पापों को माफ कर देता है, या वह केवल यह घोषणा करता है कि उन्हें हटा दिया गया है? पादरी वास्तव में मसीह के द्वारा दी गई सामर्थ्य के आधार पर पापों को वास्तव में माफ कर देता है।” पोपतंत्र सांसारिक पादरी के पास पाप स्वीकार करने की प्रणाली बनाकर यीशु को किनारे करती है, जो हमारा एकमात्र महायाजक (इब्रानियों 3:1; 8:1-2) और मध्यस्था करने वाला है (1 तीमुथियुस 2:5)। इसके बाद, उसके परमेश्वर होने का दावा करने की साक्ष्य पर गौर करें है: “हम [सारे पोप] इस धरती पर सर्वशक्तिमान परमश्वेर की जगह पर हैं।” यहाँ और सबूत हैं: “पोप न केवल यीशु मसीह का प्रतिनिधि है, बल्कि वह स्वयं यीशु मसीह है, जो मांस के पर्दे के नीचे छिपा हुआ है।”
झ. वह “समयों और व्यवस्था के बदल देने की आशा करेगा”। भविष्य के अध्ययन संदर्शिका में, हम इस बिंदु के “समय” से निपटेंगे। यह एक प्रमुख विषय है और अलग से विचार कीये जाने की जरूरत है। लेकिन “व्यवस्था“ को बदलने के बारे में क्या? एम्पलीफाइड बाइबल “व्यवस्था“ को “वही व्यवस्था” के रूप में अनुवादित करता है। यहाँ संदर्भ परमश्वेर की व्यवस्था को बदलने का है। बेशक, कोई भी वास्तव में इसे बदल नहीं सकता है, परन्तु क्या पोपतंत्र ने ऐसा करने का प्रयास किया है? इसका जवाब है, हाँ। अपने मान्यताओं को सिखाने की प्रश्नोत्तरी में, पोपतंत्र ने मूर्ति पूजा के खिलाफ दूसरे नियम को छोड़ दिया है और चौथी आज्ञा को 94 शब्दों से आठ तक छोटा कर दिया है और दसवी आज्ञा को दो आज्ञाओं में विभाजित कर दिया है। (खदु से जांचे। निर्गमन 20:2-17 में परमश्वेर की आज्ञाओं की सूची को किसी भी कैथोलिक कैटेसिज्म की आज्ञाओं की तुलना करें।)
इसमें कोई संदेह नहीं है कि दानिय्येल 7 का छोटा सींग (ख्रीष्त विरोधी) पोपतंत्र है। कोई अन्य संगठन सभी नौ अंकों में सटीक नहीं बैठता है। और, आकस्मिक रूप से, यह एक नई शिक्षा नहीं है। प्रत्येक प्रोटेस्टेंट धर्मसुधारक, आपति के बिना, पोपतंत्र को ख्रीष्ट विरोधी के रूप में पहचानती है।
9. क्या दानिय्येल को “अंत समय तक” अपनी पुस्तक को बंद करने के लिए नहीं कहा गया था (दानिय्येल 12: 4)? दानिय्येल की भविष्यवाणियों को हमारी समझ के लिए कब खोला जाएगा?
उत्तर: दानिय्येयेल 12:4, में नबी को किताब को अंत समय तक बंद करने के लिए कहा गया था। आयत 6 कहती है कि एक स्वर्गदूतीय आवाज में पूछा, “इन कर्मों का अन्त कब तक होगा?” आयत 7 कहती है, “यह दशा साढ़े तीन काल तक ही रहेगी”। स्वर्गदूत ने दानिय्येल को आश्वासन दिया कि अंतिम समय की भविष्यवाणियों के बारे बात करने वाली पुस्तक पोपतंत्र के 1,260 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद खुलेगी, जो कि हमने अपने अध्ययन संदर्शिका में सीखा कि 1798 में हुई। इस प्रकार अंत का समय वर्ष 1798 में शुरू हुआ। जैसा कि हमने देखा है, दानिय्येल की पुस्तक में आज हमारे लिए स्वर्ग से महत्वपूर्ण संदेश हैं। हमें इसे समझना चाहिए।
10. आज कई मसीहियों को ख्रीस्त विरोधी के बारे में गलत जानकारी दी गई है। ख्रीष्त विरोधी के बारे में एक असत्य पर विश्वास करना एक व्यक्ति के लिए धोके का कारण हो सकता है। जब किसी नई बाइबल शिक्षा का सामना करना पड़ता है तो व्यक्ति को क्या करना चाहिए?
“ये लोग तो थिस्सलुनीके के यहूदियों से भले थे, और उन्हों ने बड़ी लालसा से वचन ग्रहण किया, और प्रतिदिन पवित्रशास्त्रों में ढूँढ़ते रहे कि ये बातें योंहीं हैं कि नहीं” (प्रेरितों के काम 17:11)।
उत्तर: जब एक नई बाइबल शिक्षा से सामना होता है, तो केवल एकमात्र सुरक्षित प्रक्रिया यह है कि इसकी तुलना पवित्रशास्त्र से सावधानी से करना चाहिए कि यह परमेश्वर के वचन के अनुरूप है या नहीं
11. क्या आप यीशु का अनुसरण करने इच्छुक हैं, जहाँ वह ले जाये, भले ही यह दर्दनाक हो?
निष्कर्ष टिप्पणियां
बाइबल कि किताबों, दानिय्येल और प्रकाशितवाक्य, की कई महत्वपूर्ण भविष्यवाणियों को आगामी अमेज़िंग फ़ैक्ट्स के अध्ययन संदर्शिकाओं में चित्रित किया जाएगा। परमेश्वर ने इन भविष्यवाणियों को दिया है, जिससे:
क. पृथ्वी की समापन घटनाओं को प्रकट करने के लिए।
ख. यीशु और शैतान के बीच लड़ाई के अंतिम चरण में प्रतिभागियों की पहचान करने के लिए।
ग. स्पष्ट रूप से शैतान की हम सभी को नष्ट करने की कपटी योजनाओं का खुलासा करना है।
घ. सुरक्षा और प्रेम के न्याय को प्रस्तुत करना; परमेश्वर के संतों को दोषमुक्त साबित करना!
ङ. यीशु, उसके उद्धार, प्रेम, शक्ति, दया और न्याय को ऊँचा उठाना।
प्रमुख प्रतिभागी बार-बार दिखाई देंगे
इन भविष्यवाणियों में यीशु और शैतान के बीच के समापन युद्ध में प्रमुख प्रतिभागी अक्सर दिखाई देंगे। इनमें शामिल हैं: यीशु, शैतान, संयुक्त राज्य, पोपतंत्र, धर्मसुधारक, और प्रेतवाद। यीशु भविष्यवाणियों के द्वारा अपना संदेश दोहराता और विस्तार करता है ताकि निश्चित रूप से प्यार और सुरक्षा की उनकी चेतावनियों को स्पष्टता और निश्चितता के साथ समझा जा सके ।
आपके प्रश्नों के उत्तर
1. मैंने हमेशा सोचा कि ख्रीष्ट विरोधी एक व्यक्ति है, संगठन नहीं। क्या मै गलत हूँ?
उत्तर: इस ‘अध्ययन संदर्शिका’ ने सबूत प्रस्तुत किए हैं कि ख्रीष्ट विरोधी एक संगठन है - पोपतंत्र। दानिय्येल 7:8 में “मनुष्य की आंखे” शब्द ,हालांकि , एक नेता को संकेत करते हैं, परन्तु प्रकाशितवाक्य 13:18 ऐसे व्यक्ति के बारे में बोलता है जिसमें एक संख्या शामिल है। दानिय्येल 8 में, यूनान का प्रतीक एक बकरा है और उसके नेतृत्व सिकंदर महान द्वारा किया गया, जिसे एक सींग के द्वारा दर्शाया गया है। ख्रीष्ट विरोधी के बारे में भी यह सच है। यह संगठन ‘पोपतंत्र’ है। कार्यालय में पोप इसके प्रतिनिधि है। दानिय्येल 7 की भविष्यवाणी यह नहीं कह रही है कि पोप बुरा है और कैथोलिक लोग मसीही नहीं हैं। बहुत से गर्मजोशी से भरे, प्रेमपूर्ण कैथोलिक लोग मसीही हैं। प्रणाली को ख्रीस्त विरोधी कहा गया है क्योंकि उसने यीशु के अधिकार को उखाड़ फेंकने का प्रयास किया है और उसकी व्यवस्था को बदलने का प्रयास किया है।
2. क्या आपको लगता है कि मसीहियों के लिए मसीही धर्म लागू करने वाले कानूनों को लाना बुद्धिमानी है?
उत्तर: नहीं। बाइबल स्पष्ट है कि सभी को विवेक के मामलों में जिस दिशा में जाना है, उसे चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए (यहोशू 24:15) - भले ही वे परमेश्वर को इनकार करना चुनते हैं। जग के निर्माता ने आदम और हव्वा को आज्ञा उल्लंघन करने को चुनने की इजाजत दी, भले ही इस कारण उन्हें और परमेश्वर दोनों को चोट पहुँचा। जबरन आराधना, परमेश्वर को स्वीकार्य नहीं है। जबरन आराधना शैतान का रास्ता है। परमेश्वर का तरीका प्रेम की प्रेरणा देना है। इतिहास से पता चलता है कि लगभग हर बार जब कलीसिया ने अपनी मान्यताओं को लागू करने के लिए कानून पारित किया, तो उत्पीड़न और दूसरों की हत्या ही उसका परिणाम रहा। यह एक सबक है जिसे हम मध्य युग के दौरान छोटे सींग के इतिहास से सीख सकते हैं।
3. शायद मैंने गलत समझा है, लेकिन मेरी धारणा हमेशा यह रही है कि ख्रीष्ट विरोधी एक दुष्ट प्राणी होगा जिसने खुले तौर पर परमेश्वर का विरोध किया था। क्या यह धारणा गलत है?
उत्तर: हम आम तौर पर “विरोध” शब्द को “विरोधी” के रूप में मानते हैं। इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि “किसी के स्थान पर” या “इसके बजाय”। ख्रीष्त विरोधी, परमेश्वर के विशेषाधिकारों पर अधिकार जमाने का दोषी है। वह दावा करता है कि :
क. उसके पादरी पापों को क्षमा कर सकते हैं-जो केवल परमेश्वर कर सकता है (लूका 5:21)।
ख. दूसरी आज्ञा (मूर्तियों की पूजा के खिलाफ) छोड़कर और दसवें नियम को दो भागों में विभाजित करके परमेश्वर की व्यवस्था को बदल दिया है। परमेश्वर की व्यवस्था को बदला नहीं जा सकता (मत्ती 5:18)।
ग. पोप पृथ्वी पर परमेश्वर है।
शैतान की मूल योजना:
शैतान की मूल योजना, परमेश्वर के पद और अधिकार पर हक जमाना था। उसका उद्देश्य परमेश्वर को हटाकर और उनके स्थान पर शासन करना था। (अध्ययन संदर्शिका देखें 2.) जब शैतान को स्वर्ग से बाहर निकाला गया, तो उसका लक्ष्य नहीं बदला बल्कि और तीव्र हो गया। सदियों से उसने विभिन्न मानव संस्थाओं का उपयोग करके , परमेश्वर को बदनाम करने और उसका स्थान लेने के लिए प्रयास किया है।
ख्रीष्ट विरोधी आध्यात्मिक प्रतीत होता है:
शैतान का लक्ष्य, इन आखिरी दिनों में, लोगों को धोखा देकर परमेश्वर के स्थान पर ख्रीष्त विरोधी का अनुसरण करवाना है, जो आत्मिक और पवित्र प्रतीत होता है। दानिय्येल और प्रकाशितवाक्य की भविष्यवाणियों का मुख्य उद्देश्य शैतान के जाल और रणनीतियों का पदााफाश करना और लोगों को सुरक्षा के लिए यीशु और उसके वचन में स्थिर करना है।
ख्रीष्ट विरोधी कई लोगों को भरमायेगा:
बहुत से लोग ख्रीष्त विरोधी का अनुसरण करेंगे (प्रकाशितवाक्य 13:3) वे यह सोचते हैं कि मसीह का अनुसरण कर रहे हैं। केवल चुने हुए ही सुरक्षित रहेंगे (मत्ती 24:23, 24)। वे सुरक्षित होंगे क्योंकि ये पवित्र शास्त्र (यशायाह 8:20) के द्वारा हर आध्यात्मिक शिक्षण और आगुवे का परीक्षण करते हैं। धार्मिक धोखा हर जगह है। हम बहुत सावधान नहीं रह सकते।
4. क्या बाइबल 1 यूहन्ना 2:18-22 में नहीं कहती है कि कई ख्रीष्त विरोधी हैं?
उत्तर: हाँ। इतिहास में कई ख्रीष्त विरोधी हुए हैं जिन्होंने परमेश्वर के राज्य के खिलाफ काम किया है। हालाँकि , केवल एक संस्थान है जो विशेष रूप से ख्रीष्त विरोधी के बारे सभी भविष्यवाणियों की विशियेषताओं को पूरा करती है। दानिय्येल अध्याय 7 और 8 में और प्रकाशितवाक्य अध्याय 13 में, आपको ख्रीष्त विरोधी के कम से कम 10 पहचान करने वाले गुण मिलेंगे। ये सभी 10 पहचान चिन्ह, केवल एक संस्था न-पोपतंत्र -में पूर्ण हुए हैं।
5. क्या भविष्यवाणी में, “पशु” प्रतीक का अर्थ “पशुओं वाला चरित्र” है?
उत्तर: बिलकुल नहीं। परमेश्वर एक शासक, राष्ट्र, सरकार या राज्य को संकेत करने के लिए एक पशु के प्रतीकवाद का उपयोग करता है। भविष्यवाणी में सरकारों को चित्रित करने का यह परमेश्वर का तरीका है। हम स्वयं इसे कुछ हद तक करते हैं: हमने रूस को एक भालू, संयुक्त राज्य अमेरिका को एक ऊकाब के रूप में चित्रित किया है। प्रतीक के रूप में “पशु” एक अमानवीय, अपमानजनक शब्द नहीं है। यह “पशु” या “प्राणी” का पर्याय बन गया है। यहाँ तक कि मसीह को युहन्ना बपतिस्मा देने वाला (युहन्ना 1:29) और प्रेरित युहन्ना (प्रकाशितवाक्य 5:6, 9, 12, 13) द्वारा मेमने के रूप में चित्रित किया गया है। “पशु” शब्द का उपयोग परमेश्वर द्वारा किया जाता है ताकि हमें राष्ट्रों और नेताओं के -अच्छे और बुरे के बारे में एक संदेश दिया जा सके ।
सारांश पत्र
1. दानिय्येल अध्याय 7 में किन चार विश्व साम्राज्यों को पशु चिन्ह से दर्शत्ते हैं? (4)
_____ स्वीडन।
_____ मिस्र
_____ यूनान।
_____ चीन।
_____ मादी-फारस।
_____ जापान
_____ बाबुल
_____ इराक
_____ रोम।
2. निम्न चार वाक्यों में,नीचे दी गई सूची में दिए गए शब्दों में किसी एक का उपयोग करके प्रत्यक भविष्यवाणी चिन्ह के शाब्दिक अर्थ को भरें :(1)
बर्बादी वर्ष राष्ट्रों लोगों गति
उदाहरण: पशु राज्यों या राष्ट्रों को दर्शाते हैं।
पानी ________________को समूहों को दर्शती है।
पंख ____________को दर्शती हैं।
आंधियाँ लड़ाई,विद्रोह और ________________को दर्शती हैं।
एक भविष्यवाणी का दिन एक शब्दिक __________के बराबर होता है।
3. भयानक जीव के 10 सींग किसके प्रतीक हैं (1)
_____ दस साल।.
_____ दस विशेष शहरों।
_____ स्वर्गदूत।
_____ अमीरी
_____ जिन राज्यों में मूर्तिपूजक रोम अंततः विभाजित होता है।
4. छोटे सींग की शक्ति ने कितने जातियों या राष्ट्रों को “उखाड़ फेंका” था? (1)
_____ आठ
_____ एक
_____ छः
_____ तीन
5. छोटे सींग की शक्ति, या ख्रीष्ट विरोधी, किसका प्रतीक है (1)
_____ बाबुल के जनरलों में से एक।
_____ पुराने मूर्तिपूजक रोम के दिनों का एक दुष्ट शासक।
_____ यीशु के दुसरे आगमन के बाद उत्पन्न होने वाली एक बुरी शक्ति।
_____ नास्तिकता।
_____ पोपतंत्र।
6. नीचे दी गई सूची में से छोटे सींग (ख्रीष्ट विरोधी) शक्ति के बारे में सच्चे बयानों को चिन्हित करें(3)
_____ यह मिस्र से आया था।
_____ यह परमेश्वर के लोगों पर अत्याचार करेगा।
_____ यह बाबुल के गिरने के तुरंत बाद आया।
_____ यह परमेश्वर के विरुद्ध बातें कहता है।
_____ उसने परमेश्वर की व्यवस्था को बदलने का प्रयास करेगा।
7. भविष्यवाणी में, “साढ़े तीन काल” का अर्थ है (1)
_____ साढ़े तीन दिन ।
_____ 42 वर्ष
_____ 1,260 वर्ष ।
8.“अंत का समय” कब शुरू हुआ?(1)
_____ 31 ई.
_____ 1991 ई.
_____ 588 ई.
_____ 1798 ई.
9. ख्रीष्त विरोधी एक व्यक्ति के नहीं बल्कि एक संगठन है। (1)
_____ हाँ।
_____ नहीं।
10. ख्रीष्त विरोधी अस्तित्व आज भी है। (1)
_____ हाँ
_____ नहीं।
11. परमेश्वर व्यवस्था द्वारा सच्ची उपासना को लागू करने की मंजूरी देता है। (1)
_____ हाँ
_____ नहीं।
12. जनरल बर्थियर के द्वारा पोप को कब्जे में लेने से पोपतंत्र सिर्फ चोटिल हो गया। इसका घातक घाव ठीक होने लगा और आज भी ठीक हो रहा है। (1)
_____ हाँ.
_____ नहीं।
13. इन अंत-समय के दिनों में परमेश्वर के लोगों की आध्यात्मिक सुरक्षा के लिए नीचे दी गई सूची में से कौन सी चीज जरूरी है? (1)
_____ प्रचार करना सीखना।
_____ सार्वजनिक रूप से अधिक प्रार्थना करें।
_____ हर धार्मिक शिक्षा का परीक्षण बाइबल के द्वारा करना।
14. क्या आप यीशु के पीछे वहाँ चलने के लिए तैयार है जहाँ वह ले चलता है, भले ही इससे पीड़ा हो सकती है? (1)
_____ हाँ
_____ नहीं।